शिवसेना ने पवार पर साधा निधाना, कहा,” यह महाराष्‍ट्र के…”

मुंबई : शिवसेना ने असहिष्णुता संबंधी बयानों को लेकर आमिर खान का बचाव करने पर शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राकांपा प्रमुख का जन भावनाओं से संपर्क टूट गया है. दरअसल बीते कल पवार ने आमिर खान के आलोचकों को आडे हाथों लेते हुए कहा था कि जिस तरीके से प्रतिक्रियाएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 11:40 AM

मुंबई : शिवसेना ने असहिष्णुता संबंधी बयानों को लेकर आमिर खान का बचाव करने पर शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राकांपा प्रमुख का जन भावनाओं से संपर्क टूट गया है. दरअसल बीते कल पवार ने आमिर खान के आलोचकों को आडे हाथों लेते हुए कहा था कि जिस तरीके से प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं, वे इस मामले पर बहस को दरअसल और बढा रही हैं. वास्तव में एक असहिष्णु रवैया है.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘यदि पवार के अनुसार सहिष्णुता का मतलब उसी देश से बेईमानी करना है, जिसका आप खाते हैं तो आपको आमिर खान को बारामती बुलाना चाहिए और उन्हें ‘निशान ए बारामती’ पुरस्कार से सम्मानित करना चाहिए.’

पार्टी ने कहा, ‘पवार आमिर खान के बचाव में जो कह रहे हैं, यह महाराष्ट्र के चरित्र को शोभा नहीं देता.’ संपादकीय में कहा गया है, ‘इस मापदंड से तो दाउद इब्राहीम (के प्रत्यर्पण) की मांग करने वाले और पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाने वाले भी असहिष्णु कहे जाएंगे.’

पार्टी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो इतने वर्षों तक राजनीति और सत्ता में रहा है, उसे किसी अभिनेता के भारत विरोधी बयान व्यक्तिगत विचार लग रहे हैं.’ उसने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक नहीं है कि इशरत जहां को संत मानने वाले पार्टी प्रमुख आमिर का समर्थन कर रहे हैं.’ उसने कहा, ‘पवार को यह बताना आवश्यक है कि वह आयु और अनुभव को शोभा देने वाले बयान दें.’

पार्टी ने कहा कि नेता यह नहीं जानते कि समाज में क्या हो रहा है और जनभावनाओं से उनका संपर्क टूट गया है. पवार ने आमिर खान के आलोचकों को आडे हाथों लेते हुए कल कहा था कि अभिनेता के बयान पर जिस तरीके से प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं, वे इस मामले पर बहस को दरअसल और बढा रही हैं और यह कहना कि उन्हें भारत में धन मिला है, वास्तव में एक असहिष्णु रवैया है.

आमिर खान ने सोमवार को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म पुरस्कार समारोह के दौरान बातचीत में कहा था, ‘मैं और किरण (उनकी पत्नी) जीवन भर भारत में रहे. पहली बार उन्होंने कहा कि क्या हमें देश से बाहर चले जाना चाहिए… उन्हें अपने बच्चे को लेकर डर है, उन्हें डर है कि हमारे आस-पास का माहौल क्या होगा.’

Next Article

Exit mobile version