संविधान के आदर्शों पर मंडरा रहा है खतरा : सोनिया गांधी
नयी दिल्ली : लोकसभा में संविधान दिवस के अवसर पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि आज वास्तव में ऐतिहासिक दिन है. सोनिया ने भारतीय संविधान निर्माण के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान को बनाने में तीन वर्ष से ज्यादा का समय लगा. डॉ. आंबेडकर इसके […]
नयी दिल्ली : लोकसभा में संविधान दिवस के अवसर पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि आज वास्तव में ऐतिहासिक दिन है. सोनिया ने भारतीय संविधान निर्माण के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान को बनाने में तीन वर्ष से ज्यादा का समय लगा. डॉ. आंबेडकर इसके प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे. उन्होंने इसके उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला है. सोनिया ने कहा कि आंबेडकर ने कहा था कि जब प्रारूप समिति ने उन्हें अध्यक्ष चुना तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ. क्योंकि उनका मानना था कि उनसे बेहतर लोग और भी थे जो ज्यादा योग्य थे.
सोनिया ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी के अनुशासन का कमाल था. सोनिया ने कहा कि यह बात आम तौर पर भूला दी जाती है कि कांग्रेस का संविधान निर्माण में ज्यादा योगदान है. डॉ. आंबेडकर अपने क्षेत्र के बेजोड़ व्यक्तित्व थे. सोनिया ने कहा कि हमारे संविधान का इतिहास लंबा है यह कांग्रेस पार्टी के इतिहास से जुड़ा हुआ है. मार्च 1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस की बैठक कराची के अधिवेशन में मूल भूत अधिकारों को पंडित नेहरू ने पारित कराया.
सोनिया ने कहा कि हमें आंबेडकर की चेतावनी नहीं भूलनी चाहिए जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई संविधान कितना ही अच्छा क्यों न हो लागू करने वाले बुरे निकले तो वह निश्चित रुप से बुरा ही साबित होगा. यदि संविधान बुरा भी हो और लागू करने वाले अच्छे होंगे तो वह अच्छा ही होगा. जिन लोगों की संविधान में आस्था नहीं है वो आज इसके अगुआ बन रहे हैं.
सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय संविधान दशको के संघर्ष का नतीजा है. महात्मा गांधी ने इस इस संघर्ष में बड़ा योगदान दिया था. सोनिया गांधी ने कहा कि आंबेडकर का उदेश्य वंचितों और पिछड़ी जातियों के संघर्ष को आवाज देना था. आंबेडकर जी ने संविधान की सभी मुख्य धाराओं और प्रावधानों की पृष्ठभूमिपर प्रकाश डाला था. सोनिया ने भारतीय संविधान के निर्माण में कांग्रेस पार्टी के अहम योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि संविधान समिति को चार प्रमुख हस्तियों ने दिशा दिखायी थी जिसमें जवाहरलाल नेहरू, सरादार पटेल , डॉ. राजेंद्र प्रसाद और मौलाना आजाद थे. सोनिया ने कहा कि आज खुशी का दिन है लेकिन दुख का भी दिन है क्योंकि संविधान के आदर्शों पर आज जानबूझकर हमला हो रहा है. जिन लोगों की संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं है वो आज संविधान की बात कर रहे हैं. उन्होंने चर्चा के अंत में संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली हस्तियों को नमन भी किया.