देश का निर्माण उपकरण उद्योग 2020 तक 15 अरब डालर का हो जाएगा

बेंगलुरु : सरकार की बुनियादी ढांचा विकास को तेजी प्रदान करने के लिए अड़चनें दूर करने की पहलों ने निर्माण उपकरण उद्योग में अप्रत्याशित वृद्धि का रास्ता साफ किया जो 2020 तक 15 अरब डालर से अधिक का हो जाएगा. यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 5:05 PM

बेंगलुरु : सरकार की बुनियादी ढांचा विकास को तेजी प्रदान करने के लिए अड़चनें दूर करने की पहलों ने निर्माण उपकरण उद्योग में अप्रत्याशित वृद्धि का रास्ता साफ किया जो 2020 तक 15 अरब डालर से अधिक का हो जाएगा. यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विकास कार्य की तेज रफ्तार को देखते हुए घरेलू निर्माण उद्योग आशाजनक नजर आता है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गड़करी ने पीटीआई-भाषा से कहा ‘‘मुझे भरोसा है कि परियोजनाओं की रफ्तार को देखते हुए निर्माण उपकरण उद्योग अप्रत्याशित रफ्तार से वृद्धि दर्ज करेगा और 2020 तक यह 15 अरब डालर के स्तर को पार कर जाएगा.” भारतीय निर्माण उपकरण विनिर्माता संघ आईसीईएमए ने अनुमान जताया है कि 2019-20 तक यह उद्योग बढ़कर पांच अरब डालर का हो जाएगा जो फिलहाल 2.8 अरब डालर का है.

गड़करी ने कहा कि अड़चनों को दूर करने के बाद अब काम रफ्तार पकड़ रहा है और यह सिर्फ शुरूआत है. लोग कल्पना नहीं कर सकते कि बुनियादी ढांचा देश में कैसा बदलाव लाएगा. गड़करी ने कहा कि इसके साथ उपकरण विनिर्माताओं के लिए विशाल मौके होंगे. उन्होंने कहा कि कम से कम 10 नए एक्सप्रेस राजमार्ग बनेंगे. ये राजमार्ग कम से कम पांच लाख करोड रुपए के होंगे जिनमें 5,000 करोड रुपए राजमार्गों के किनारे पेड़ लगाने पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मार्च 2016 तक देश में 1.5 लाख किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे. अभी देश में राजमार्गों का जाल 96,000 किलोमीटर लंबा है. नये निर्माण कार्यों से 50 लाख रोजगार का सृजन होगा. ये सब सिर्फ सरकार की योजनाओं का एक हिस्सा भर हैं और इससे लोग समझ सकते हैं कि निर्माण क्षेत्र में विशाल मौके हैं. राजमार्गों के अलावा देश के जहाजरानी और बंदरगाह क्षेत्रों में आमूल बदलाव की शुरूआत की गई है जिसमें जलमार्गों पर जोर दिया गया है. काम बस शुरू ही हुआ है और इसके रफ्तार पकडने पर पीछे मुडकर देखने की कोई गुंजाइश नहीं होगी.

मंत्री ने कहा कि हमारा राजमार्ग और जहाजरानी क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम दो प्रतिशत का योगदान कर रहे हैं. गड़करी ने कहा कि इस उद्योग का बुनियादी ढांचा वृद्धि के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल में वृहत्तर भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीमेंट के राजमार्ग बनाने के फैसेले से ज्यादा घरेलू कंपनियां जुडेगी. सरकार की कोशिश का असर दिखने लगा है क्योंकि कई राजमार्ग कंपनियां जो पहले परियोजनाओं से कतराती थीं, अब उन्होंने बोली लगाने लगी है और परियोजनाओं में रुचि लेने लगी हैं.

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