राहुल गांधी का आरएसएस के बारे में दिये गये बयान पर न्यायालय में खेद प्रकट करने से इंकार

नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिये कथित रुप से आरएसएस को जिम्मेदारी ठहराने वाले अपने बयान पर खेद व्यक्त करके मामला खत्म करने का उच्चतम न्यायालय का सुझाव मानने से आज इंकार कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वह इस मामले का सामना करेंगे. न्यायमूर्ति दीपक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 7:47 PM
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिये कथित रुप से आरएसएस को जिम्मेदारी ठहराने वाले अपने बयान पर खेद व्यक्त करके मामला खत्म करने का उच्चतम न्यायालय का सुझाव मानने से आज इंकार कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वह इस मामले का सामना करेंगे.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवन्डी में मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित आपराधिक कार्यवाहियों पर अंतरिम रोक लगाने संबंधी अपने आदेश को जारी रखा है.
पीठ ने कहा, ‘‘यदि आप इस मामले को खत्म करना चाहते हैं तो हम इसी तरह सोचते हैं. मैं (सिर्फ एक प्रस्ताव को) इस तरह से रेखांकित कर रहा था.
सुनवाई के दौरान कुछ सुझाव दिये गये थे…परंतु प्रतिवादी (आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते) के वकील ने कहा है कि याचिकाकर्ता (गांधी) को खेद व्यक्त करने का अहसास दिलाना होगा तभी वह मामले में समझौता करेंगे.” पीठ ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि इसे शालीन तरीके से खत्म किया जा सकता है और मानहान के मामले को निपटाया जा सकता है.” राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिबल इस सुझाव पर सहमत नहीं हुये और उन्होंने कहा कि वह इसकी बजाये मामले में बहस करना पसंद करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह शिकायत ‘प्रायोजित’ और ‘दुर्भावना से प्रेरित’ है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए. पीठ ने प्रतिवादी कुंते से कहा कि वह चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें। न्यायालय ने कहा कि गांधी इसके बाद चार सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा चाहें तो दायर कर सकते हैं.

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