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IS और पाक आतंकी कर रहे है हमले की तैयारी
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस देश में कहीं पर भी एक अकेले आतंकवादी का इस्तेमाल करके आतंकवादी हमला करके हिंसा फैला सकता है. सरकार ने साथ ही कहा कि ऐसे नापाक इरादों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाये गए हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने […]
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस देश में कहीं पर भी एक अकेले आतंकवादी का इस्तेमाल करके आतंकवादी हमला करके हिंसा फैला सकता है. सरकार ने साथ ही कहा कि ऐसे नापाक इरादों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाये गए हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इंडिया टूडे टेलीविजन पर कार्यक्रम ‘टू द प्वाइंट’ में करण थापर से कहा, ‘‘चुनौतियां मौजूद हैं. हमें यह स्वीकार करना होगा कि यह एक वास्तविकता है. खतरा है.’ उन्होंने यह बात 2008 मुम्बई आतंकवादी हमले की सातवीं बरसी पर आईएसआईएस द्वारा एक अकेले आतंकवादी का इस्तेमाल करके भारत में आतंकवादी हमला करने की आशंका के बारे में पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए कही.
उन्होंने एक विवाद कर सकने वाले बयान में कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के मुस्लिमों की तुलना में दक्षिणी राज्यों के मुस्लिम आईएसआईएस की विचारधारा की ओर अधिक ‘‘आकर्षित’ होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक वास्तविकता है :कुछ दक्षिण भारतीय मुस्लिमों के आईएसआईएस के प्रति आकर्षित होना:. यह एक तथ्य है लेकिन हमें देश के अन्य हिस्सों में अपनी निगरानी कमजोर नहीं करनी चाहिए.
रिजिजू ने कहा कि 2008 मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद सरकार सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में सफल रही है. यह पूछे जाने पर कि सरकार आईएसआईएस की चुनौती का सामना करने के लिए किस तरह से तैयार है, मंत्री ने कहा कि जिससे भी देश की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है उसे गंभीरता से लिया जाता है और गृह मंत्रालय को देश और जनता को सुरक्षा प्रदान करना है. जम्मू कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराये जाने की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा कि वे छिटपुट घटनाएं थीं और उनका प्रसार पूरे राज्य या देश में नहीं था. उन्होंने कहा कि आईएसआईएस का दुष्प्रचार करने की कुछ वेब पोर्टल की भूमिका निगरानी में है लेकिन यह गौर करना जरुरी है कि वेब पोर्टल के सर्वर भारत में स्थित नहीं हैं.
कथित असहिष्णुता पर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने उलटे सवाल किया कि ये टिप्पणियां तब क्यों नहीं की गई जब बेंगलुरु और पुणे से पूर्वोत्तर के लोगों की बडे पैमाने पर वापसी हुई या जब अरुणाचल प्रदेश के छात्र की दिल्ली की सडकों पर ‘‘बेरहमी से पीट पीटकर हत्या’ कर दी गई या जब किसी ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कहा कि जब कोई बडा पेड गिरता है, धरती थोडी हिल सकती है.उन्होंने कहा कि राजग के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कमी आयी है.
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