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डिजिटल केवाईसी के लिए आधार कार्ड महत्वपूर्ण : वित्त राज्य मंत्री

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस के विरोध के मद्देनजर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज उम्मीद जताई कि इस विधेयक को जल्द पारित करा लिया जायेगा. सरकार इस संबंध में प्राप्त सुझावों पर विचार करने को तैयार है ताकि इसमें सभी के मुताबिक एक साझा आधार बनाया जा सके. […]

नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस के विरोध के मद्देनजर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज उम्मीद जताई कि इस विधेयक को जल्द पारित करा लिया जायेगा. सरकार इस संबंध में प्राप्त सुझावों पर विचार करने को तैयार है ताकि इसमें सभी के मुताबिक एक साझा आधार बनाया जा सके. सिन्हा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम संसद में अपने सहयोगियों के साथ लगातार विचार विमर्श कर रहे हैं. हमें इसकी काफी उम्मीद है कि हम जीएसटी को पारित करा लेंगे. विपक्ष के हमारे सहयोगियों से जो भी तर्कसंगत सुझाव हमें मिलेंगे, हम उन पर विचार करने को तैयार हैं.” जीएसटी लागू होने पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के बारे में उन्होंने कहा इस बारे में अनेक सुझाव दिये जा रहे हैं.

यह जीएसटी पर चल रही बहस में अहम् मुद्दा बन गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसका हल ढूंढना होगा जो कि सभी पक्षकारों को स्वीकार्य हो. हमें इसमें सभी के लिये एक साझा आधार तलाशना होगा.” संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकया नायडू ने कल कहा था कि सर्वदलीय बैठक में पहुंचे 32 दलों में से 30 दल जीएसटी के पक्ष में थे और उन्होंने इसे जल्द पारित कराने पर जोर दिया. जीएसटी, अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक प्रमुख सुधार होगा. इसमें एक दर्जन से अधिक अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे और पूरा देश के साझा बाजार बन जायेगा. सरकार ने जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू करने का लक्ष्य रखा है. जीएसटी से जुडा संविधान संशोधन विधेयक संसद के पिछले सत्र में कांग्रेस के विरोध के चलते राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया.

बैंकों की कर्ज में फंसी राशि यानी एनपीए के मुद्दे पर सिन्हा ने कहा कि इस क्षेत्र पर सरकार की नजर है और लगातार इसका आकलन किया जा रहा है. ‘‘एनपीए कई कारणों के परिणामस्वरुप हुआ है. बैंकिंग प्रणाली की एनपीए की समस्या से निजात पाने के लिये कोई एकमात्र उपाय नहीं है. इसके लिये हमें कई मोर्चों पर काम करना होगा.” स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को आकर्षक बनाने के लिये इसके कुछ प्रावधानों की समीक्षा के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘‘सरकार सभी संबद्ध पक्षों के साथ लगातार बातचीत कर रही है और इसमें आने वाली समस्याओं का पता लगाने का प्रयास कर रही है.” उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को किस प्रकार से सोने को एक वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करने के लिये पे्ररित किया जा सकता है.

” वित्तीय समावेश के मुद्दे पर सिन्हा ने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत नकद राशि देने पर बैंकों को कमीशन देने के मुद्दे को सुलझा लिया गया है. सिन्हा ने इसके साथ ही यह भी कहा कि सार्वभौमिक डिजिटल केवाईसी अपने ग्राहक को जानिये प्रणाली पर काम जारी है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिये आधार को इसका आधार बनाया जायेगा. हमें आधार को कुछ मजबूती देनी होगी. हम इस पर काम कर रहे हैं. हमें आधार को कानूनी लिहाज से मजबूत करना होगा. इसके बाद ही हमें सार्वभौमिक डिजिटल केवाईसी प्रणाली मिल सकती है.”

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