ताज के पास पेड़ों की कटाई, एनजीटी ने 16 दिसंबर तक मांगी अंतिम रिपोर्ट
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ताज महल के निकट पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में 4,000 से अधिक पेडों की अवैध कटाई की जांच कर रहे स्थानीय आयुक्त को 16 दिसंबर तक अंतिम निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ताज महल के निकट पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में 4,000 से अधिक पेडों की अवैध कटाई की जांच कर रहे स्थानीय आयुक्त को 16 दिसंबर तक अंतिम निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अधिवक्ता एम सी मेहता को यह आदेश दिया है जिन्हें पेडों की कटाई की घटना की जांच के लिए स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया गया है. पीठ ने कहा ‘क्या चल रहा है? हम लोगों ने स्थानीय आयुक्त को मदद करने के लिए खुला आदेश दिया था. हमें अंतिम रिपोर्ट दीजिये या मामले को बंद कीजिये.’
साथ ही पीठ ने कहा ‘इस मामले को 16 दिसंबर, 2015 के लिए सूचीबद्ध कीजिये और तब तक निश्चित तौर पर रिपोर्ट मिल जानी चाहिए. उस दिन अधिवक्ता एम सी मेहता द्वारा निश्चित तौर पर अंतिम रिपोर्ट जमा की जानी चाहिए. वह जिन संस्थाओं से मदद लेना चाहते हैं उन्हें उसकी छूट है.’ उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कहा कि मामला लंबे समय से लंबित है और अधिकरण द्वारा नियुक्त किये गये स्थानीय आयुक्त मामले की कार्यवाही में देरी कर रहे हैं.
महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कहा ‘अंतरिम रिपोर्ट में कोई भी प्रतिकूल बात निकलकर सामने नहीं आयी है क्योंकि स्थानीय आयुक्त द्वारा पेडों की कटाई का कोई जिक्र नहीं किया गया है. यह मामला अब खत्म होना चाहिए.’ अधिकरण ने इससे पहले 4,000 पेडों की कथित अवैध कटाई और बिक्री के मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार से पूरी सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. मेहता ने कहा कि मामले की अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए आगे की जांच में विशेषज्ञ एजेंसी की आवश्यकता होगी.
अधिकरण ने इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जांच का निर्देश दिया था और केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था. रिपोर्ट के अनुसार आगरा के एक पूर्व डीएफओ ने ताज महल के निकट 500 मीटर क्षेत्र में कथित तौर पर पेडों की कटाई की जबकि यह पारिस्थितिकी के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है.