नयी दिल्ली :दिल्ली में सत्ताधारी आप पर 2015 दिल्ली जनलोकपाल विधेयक को लेकर हमला तेज करते हुए पार्टी से निष्कासित नेता प्रशांत भूषण ने आज कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से किये जाने वाले ‘‘दावों के विपरीत” प्रस्तावित विधेयक 2014 के विधेयक से ‘‘पूरी तरह से” अलग है.
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील भूषण ने दावा किया कि 2015 का विधेयक लोकपाल की नियुक्ति और उसे हटाने में सरकार के दखल बढाता है और यह अपने अधीन केंद्र सरकार के अधिकारियों को भी लाता है. इसके साथ ही इसमें अन्य ‘‘प्रत्यक्ष” मतभेद हैं. स्वराज अभियान नेता प्रशांत भूषण के दावों के मद्देनजर आप ने उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनका हमला उनके और भाजपा के बीच ‘‘सहभागिता” साबित करता है.
यद्यपि आप से निकाले गए भूषण ने इस दावे पर भडकते हुए केजरीवाल की तुलना तानाशाह हिटलर के शासन में मंत्री रहे जोसेफ गोयेबल्स से की. भूषण ने इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मामले पर एक खुली चर्चा की चुनौती दी. दिल्ली सरकार विधेयक को कल पेश करेगी.
उन्होंने दिल्ली जनलोकपाल विधेयक, 2014, उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, केंद्र के लोकपाल कानून और टीम अन्ना के जनलोकपाल मसौदे सहित कई लोकपाल विधेयकों और कानूनों का एक तुलनात्मक अध्ययन पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की वर्तमान कैबिनेट द्वारा पारित विधेयक सबसे ‘‘बदतर” है.