पढ़िए, 2005 में राष्ट्रपति पद क्यों छोड़ देना चाहते थे डॉ. कलाम

भुवनेश्वर : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के तत्कालीन प्रेस सचिव एस. एम. खान के अनुसार 2005 में बिहार विधानसभा भंग करने की अधिसूचना उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द कर दिए जाने के बाद कलाम राष्ट्रपति पद छोड़ना चाहते थे. खान ने कल यहां एसओए विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हालांकि कलाम अनिच्छुक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 6:21 PM

भुवनेश्वर : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के तत्कालीन प्रेस सचिव एस. एम. खान के अनुसार 2005 में बिहार विधानसभा भंग करने की अधिसूचना उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द कर दिए जाने के बाद कलाम राष्ट्रपति पद छोड़ना चाहते थे. खान ने कल यहां एसओए विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हालांकि कलाम अनिच्छुक थे लेकिन उन्होंने अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर दिए. वह इसे खारिज कर सकते थे लेकिन अगर यह उनके पास दोबारा भेजा जाता तो उनके पास हस्ताक्षर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता.

जब उच्चतम न्यायालय ने अधिसूचना को रद्द कर दिया, कलाम ने अफसोस करते हुए कहा था कि उन्हें कैबिनेट के फैसले को खारिज कर देना चाहिए था और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार किया था.खान ने कहा, ‘‘ यहां तक कि उन्होंने रामेश्वरम में अपने बड़े भाई से भी विचार विमर्श किया था.’ खान ने कहा कि कलाम ने बाद में ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि इससे कई संवैधानिक समस्याएं पैदा हो जातीं. खान अभी आरएनआई के महानिदेशक हैं. वह यहां ‘‘ सबसे बड़ी मानव आत्मा के साथ मेरे दिन’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे.

बिहार के तत्कालीन राज्यपाल बूटा सिंह ने 2005 में विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नीत केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया और राष्ट्रपति के पास भेज दिया. कलाम उस समय मास्को की यात्रा पर थे और उन्होंने वहीं इस पर हस्ताक्षर किए थे. अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी और न्यायमूर्ति वाई के सभरवाल नीत पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सात अक्तूबर 2005 को बहुमत से फैसला दिया था कि बिहार विधानसभा को भंग करने की 23 मई की अधिसूचना असंवैधानिक है. खान ने कहा कि कलाम ऐसे व्यक्ति थे जिनकी भौतिक चीजों में रुचि नहीं थी और उनके पास अपना कुछ नहीं था, चाहे घर हो, कार हो, टेलीविजन हो या रेफ्रिजेटर हो.

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और शिक्षक के रुप में उन्होंने अपना जीवन छात्रावासों और अतिथिगृहों में बिताया. उन्हें सिर्फ किताबों से लगाव था. वह जोर देते थे कि उन्हें अपनी किताबें खरीदनी चाहिए तथा उन्होंने कभी किसी से उपहार के रुप में कोई किताब नहीं ली. उनका कहना था कि संभव है कि वह उन किताबों को नहीं पढें.

खान ने कहा कि प्रौद्योगिकी से खास लगाव रखने वाले कलाम ने एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सूचित किया कि वह उनके कैबिनेट सहयोगियों से मिलना चाहते है क्योंकि वह 2020 तक विकसित भारत के लिए अपनी दृष्टि के बारे में उन्हें ‘‘पावर प्वाइंट’ प्रस्तुतिकरण के जरिए बताना चाहते हैं. खान ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री संतुष्ट नहीं थे लेकिन वह प्रस्ताव पर सहमत हो गए और राष्ट्रपति भवन में कैबिनेट की एक बैठक हुयी. कलाम ने करीब दो घंटे तक प्रस्तुतिकरण दिया. उन्होंने कहा कि कलाम को ‘‘पावर प्वाइंट’ प्रस्तुतिकरण से खास लगाव था और वह विदेशी गणमान्य लोगों तथा राज्याध्यक्षों से मुलाकात के दौरान इस पर जोर देते थे.

खान ने कहा कि 2006 में जब राष्ट्रपति जार्ज बुश से मुलाकात के दौरान भी कलाम ने ‘‘पावर प्वाइंट’ प्रस्तुतिकरण रखा. उन्होंने याद किया कि प्रस्तुतिकरण समाप्त होने के बाद बुश ने उनसे कहा, ‘‘ सर, इसे समझने के लिए मुझे वैज्ञानिक बनना होगा. लेकिन मैं इस पर काम करुंगा.’ उन्होंने कहा कि जब कलाम का कार्यकाल समाप्त होने वाला था, मीडिया में इस बात को लेकर काफी अटकलें लगायी जा रही थीं कि उनसे दूसरे कार्यकाल की पेशकश की जाएगी या नहीं. तत्कालीन संप्रग सरकार कलाम के दूसरे कार्यकाल के पक्ष में नहीं थी और कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनसे निर्दलीय चुनाव लड़ने का अनुरोध किया. संप्रग प्रत्याशी प्रतिभा पाटिल के खिलाफ भाजपा ने भैरों सिंह शेखावत को उम्मीदवार बनाया था.लेकिन उसने संकेत दिया कि वह अपने उम्मीदवार को वापस कर सकती है और निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में कलाम का समर्थन कर सकती है. लेकिन कलाम ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था.

कलाम का धर्म और आध्यात्मिक मामलों में भी काफी दिलचस्पी थी. खान ने कहा कि कलाम अक्सर कहा करते थे कि ‘‘सभी धर्म खूबसूरत द्वीप हैं लेकिन उनके बीच संपर्क नहीं है.’ उन्होंने कहा कि मशहूर वैज्ञानिक कलाम का मानना था कि विज्ञान और धर्म के मिलकर काम करने पर बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version