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आप सरकार ने जनलोकपाल विधेयक पेश किया

नयी दिल्ली : भ्रष्टाचार निरोधक बडे आंदोलन की मदद से दिल्ली की सत्ता में आयी आप सरकार ने जनलोकपाल विधेयक आज विधानसभा में पेश कर दिया जो प्रस्तावित लोकपाल को यह अधिकार देगा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई करे जिसमें केंद्रीय लोकसेवक भी शामिल होंगे। यह एक ऐसा […]

नयी दिल्ली : भ्रष्टाचार निरोधक बडे आंदोलन की मदद से दिल्ली की सत्ता में आयी आप सरकार ने जनलोकपाल विधेयक आज विधानसभा में पेश कर दिया जो प्रस्तावित लोकपाल को यह अधिकार देगा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई करे जिसमें केंद्रीय लोकसेवक भी शामिल होंगे। यह एक ऐसा कदम है जो दोनों सरकारों के बीच ताजा टकराव का कारण बन सकता है.

विधेयक में भ्रष्टाचार के आरोप साबित होने पर कडी सजा का प्रावधान है और यह सजा छह महीने से 10 वर्ष तक हो सकती है. दुर्लभतम मामले में यह सजा आजीवन कारावास और जुर्माना हो सकती है. लोकसेवक का पद जितना उपर होगा सजा भी उतनी ही अधिक होगी.विधेयक के तहत लोकपाल को केंद्रीय मंत्रियों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के कृत्यों की जांच करने का अधिकार होगा. यह एक ऐसा विवादास्पद प्रावधान है जो केजरीवाल सरकार और केंंद्र के बीच टकराव का एक और दौर शुरु कर सकता है.
विधेयक पेश करते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे भारत के इतिहास की सबसे ‘‘प्रभावी एवं स्वतंत्र” व्यवस्था करार दिया और कहा कि यह विधेयक उस विधेयक जैसा ही है जो 2011 के अन्ना आंदोलन के दौरान आया था. उन्होंने इसके ‘‘पूरी तरह से अलग” होने के आरोपों को खारिज कर दिया.लोकपाल अपने स्वयं की जांच इकाई से समयबद्ध जांच करेगा और एक जांच पूरी करने के लिए अधिकतम समयसीमा छह महीने तय की गई है. असाधारण मामलों में समयसीमा को बढाकर 12 महीने किया जा सकता .दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक को स्वतंत्र भारत का ‘‘सबसे मजबूत” भ्रष्टाचार निरोधक कानून करार दिया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘स्वतंत्र भारत का सबसे मजबूत भ्रष्टाचार निरोधक कानून…दिल्ली जनलोकपाल विधेयक 2015 पेश करने के लिए मनीष को बधाई। एक ऐतिहासिक दिन।” विधेयक में खुलासा करने वालों को शारीरिक नुकसान और प्रशासनिक उत्पीडन से पूर्ण संरक्षण मुहैया कराने का प्रयास किया गया है. इसके लिए जनलोकपाल सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी को खुलासा करने वाले को पूर्ण सुरक्षा एवं संरक्षण मुहैया कराने के लिए आदेश एवं निर्देश जारी कर सकता है.
सिसोदिया ने कहा कि जनलोकपाल को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र की सीमा में होने वाले प्रत्येक भ्रष्टाचार के कृत्य की जांच करने का अधिकार होगा. जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण या झूठी शिकायक के किसी मामले में सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
विधेयक के अनुसार तीन सदस्यीय इस निकाय में एक अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे जो सामूहिक रुप से जनलोकपाल कहलाएंगे और इनका चयन दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र चयन समिति करेगी जिसमें दिल्ली विधानसभाध्यक्ष, मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता उसके सदस्य होंगे.इस समिति को विधेयक के प्रावधानों के तहत संबंधित नियम बनाने का अधिकार होगा.

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