कोलंबो: विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस बात पर अफसोस जताया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की शिखर बैठक (चोगम) की बैठक के लिए यहां नहीं आ सके और जाफना का दौरा नहीं कर सके.
खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्या यह दुखद नहीं है? किसको जिम्मेदार कहेंगे? मैं चाहता था कि मेरे प्रधानमंत्री पहले वहां :जाफना: जाएं. मैं वहां जाने वाला दूसरा विदेश मंत्री था. परंतु मैं इसके लिए किसे जिम्मेदार कहूं. मैं इस बात पर निराश हूं कि उस इलाके में अपने प्रधानमंत्री को नहीं ले जा सका जहां हम 50,000 आवासों का निर्माण करा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जाफना में जिन सड़कों और दूसरी परियोजनाओं का निर्माण कर रहे हैं, उसे हम उन्हें नहीं दिखा सके.’’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आज जाफना का दौरा किया. आजाद श्रीलंका में इस क्षेत्र का दौरा करने वाले वह पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बन गए.
खुर्शीद से कैमरन के ऐतिहासिक जाफना दौरे के बारे में सवाल पूछा गया था. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी चोगम की बैठक से इतर जाफना जाने का कार्यक्रम था, लेकिन तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के विरोध के कारण सिंह ने दौरा रद्द कर दिया. प्रधानमंत्री सिंह को श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के मुख्यमंत्री सी एस विग्नेवश्वरन ने जाफना का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था.
खुर्शीद ने कहा कि वह इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते. उन्होंने कहा, ‘‘यह लोगों को फैसला करने दीजिए कि उनकी (प्रधानमंत्री के श्रीलंका के दौरे का विरोध करने वाले) रणनीति का क्या फायदा हुआ है. मेरा लक्ष्य है कि श्रीलंका के लोग अपने पैरों पर खड़े हों और उनके भीतर आत्मविश्वास पैदा हो.’’ इस मुद्दे पर कांग्रेस और सरकार के बीच विभाजन के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि यह विभाजन नहीं, बल्कि अलग अलग विचार व्यक्त किया गया है.