नयी दिल्ली : लोकसभा मेंमंगलवारको सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेेकर सत्ता पक्षव विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप के तीर चले और सरकार ने कहा कि केंद्र में भाजपा नीतएनडीए सरकार आने के बाद सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कमी आई है. लोकसभा में सुष्मिता देव, योगी आदित्यनाथ, सौगत राय, मल्लिकार्जुन खडगे के पूरक प्रश्नों के उत्तर में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि केंद्र में भाजपा नीत सरकार 2014 के मध्य में आई और तब से लेकर देश में सांप्रदायिक हिंसा के घटनाओं में कमी का रुख देखा गया है. उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है, केंद्र इस बारे में राज्य से रिपोर्ट प्राप्त करने और विचार विमर्श करने के बाद कदम उठाती है और सीधे कोई बल नहीं भेजती. हम किसी भी सांप्रदायिक घटना को पार्टी के आधार पर नहीं देखते बल्कि उसे घटना के आधार पर देखते हैं.
विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर रिजिजू ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान क्या हुआ, वह उसमें नहीं जाना चाहते हैं. लेकिन हमारी सरकार आने के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ी नहीं बल्कि घटी है. कांग्रेस के सुष्मिता देव द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार सांप्रदायिक हिंसा कानून के तहत सांप्रदायिक हिंसा की परिभाषा बदलेगी, गृह राज्य मंत्री ने कहा कि अभी जो कानून है, उसी के अनुरुप सांप्रदायिक हिंसा के मामलों से निपटा जाता है और इसमें बदलाव का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि जहां जहां भाजपा की उपस्थिति अधिक है, वहां सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं देखने को मिली है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय के पास जो रिपोर्ट है, उससे इन आरोपों का कोई आधार नहीं बनता है. कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य की है और हम उन्हें समय समय पर परामर्श भेजते हैं.