नयी दिल्ली : कांग्रेस सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह के दलितों से जुड़े कथित बयान के लिए उनके इस्तीफ की मांग को लेकर काफी शोर शराबा किया और इस बारे में कार्यस्थगन नोटिस अस्वीकार किये जाने पर सदन से वाकआउट किया. तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों ने भी सदन से वाकाउट किया. वाम दल इस मामले में कार्रवाई चाहते थे जबकि तृणमूल कांग्रेस मंत्री से माफी मांगने की मांग कर रहे थे. इस दौरान सिंह सदन में मौजूद थे. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज की कार्यवाही शुरू होते ही इस विषय को उठाया और इस बारे में दिए कार्यस्थगन नोटिस को स्वीकार करने का आग्रह किया.
लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कल ही असहिष्णुता के विषय पर चर्चा के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में विस्तृत उत्तर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य ही गृह मंत्री का जवाब सुने बिना सदन से वाकआउट कर गए थे. अध्यक्ष ने कहा कि वह कार्यस्थगन नोटिस को अस्वीकार कर चुकी हैं और हर बार एक विषय को नहीं उठाया जा सकता. कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. उनकी इस व्यवस्था के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘ हम सरकार के रवैये का विरोध करते है. उन्हें बात सुननी चाहिए.’ इसके बाद सदस्यों ने प्रश्नकाल के कुछ देर बाद सदन से वाकआउट किया.
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने वी. के. सिंह से उनके विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगने को कहा और उनके इस्तीफे की भी मांग की. कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर लगातार नारेबाजी करते रहे. अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने का आग्रह किया लेकिन सदस्य आसन के समीप नारेबाजी करते रहे. कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही चली. सदस्यों ने सवाल पूछा और संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिये. प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे.
विपक्ष की ओर से सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार आलोचना पर संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘ कृप्या सहिष्णुता दिखायें और जनादेश का सम्मान करें. ‘ कांग्रेस सदस्यों के वाकआउट के बाद वेंकैया ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि एक समुदाय विशेष के बारे में टिप्पणी रिकार्ड में नहीं जानी चाहिए क्योंकि वी. के. सिंह ने ऐसी बात नहीं कही है. और विपक्ष को इस विषय को बार बार उठाने का कोई कारण नहीं है. इस दौरान वीके सिंह सदन में उपस्थित थे और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी तथा भाजपा सदस्य मीनाक्षी लेखी उनसे विचार विमर्श करते देखे गए.