7 दिसंबर को पाकिस्तान जा सकती हैं सुषमा स्वराज
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच पेरिस में हुई बातचीत से अब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर पटरी पर आते दिखायी दे रहे हैं. अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस रिश्ते और आगे ले जा सकती है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान पर […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच पेरिस में हुई बातचीत से अब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर पटरी पर आते दिखायी दे रहे हैं. अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस रिश्ते और आगे ले जा सकती है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान पर होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज पाकिस्तान जा सकती है. यह बैठक इस्लामाबाद में होने वाली है.
हालांकि इस खबर की अबतक विदेश मंत्रालय ने पुष्टि नहीं की है लेकिन संभवान जतायी जा रही है कि इस बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हिस्सा लेंगी. अगर सुषमा इस बैठक में हिस्सा लेती है तो भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में एक अहम कदम हो सकता है.
खबरों की मानें तो सुषमा स्वराज 7 दिसंबर को पाकिस्तान जा सकती है. वे इस्लामाबाद में हो रहे हार्ट ऑफ एशिया समिट में शिरकत करेंगी. संभव है कि इस बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच अहम बातचीत हो सकती है. भारत अपनी तरफ से ऐसे कई मुद्दों पर पाकिस्तान से बातचीत करेगा जिसमें आतंकवाद समेत कई अहम मुद्दे शामिल है. भारत पाकिस्तान को दाऊद इब्राहिम के वहां होने के सबूत भी पेश करेगा. गृह मंत्रालय ने भी लोक सभा में लिखित जवाब में दाऊद के पाकिस्तान में होने की बात कही है. भारत अपने इस पक्ष को मजबूती के साथ पाकिस्तान के सामने रखेगा.
सुषमा की पाकिस्तान के इस दौरे की योजना पेरिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच हुई संक्षिप्त मुलाकात के बाद सामने आई है. हालांकि दोनों देशों के प्रमुखों की इस बातचीत का ब्योरा अभी तक सामने नहीं आया. लेकिन इस संक्षिप्त मुलाकात में चर्चा सकारात्म रही यह माना जा सकता है.
इस मुलाकात से पहले ही पाकिस्तान ने भारत से बिना शर्त बात करने की बात कही थी. पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने कहा, ‘मोदी के साथ अच्छी बातचीत हुई. बातचीत के दरवाजे खुलने चाहिए. इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए( नेशनल सेक्यूरेटी एडवाइजर) स्तरीय वार्ता रद्द हो गयी थी. भारत आतंकवाद पर बात करना चाहता था तो पाकिस्तान अलगाववादी नेताओं से मिलने की जिद पर अड़ा था.