अगले हफ्ते पाकिस्तान आ सकती हैं सुषमा स्वराज

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अगले हफ्ते पाकिस्तान की यात्रा पर आने की संभावना है. अधिकारियों ने आज बताया कि अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सहयोग को लेकर चर्चा के लिए पाकिस्तान नौ दिसंबर को एक मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रहा है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 2:46 PM

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अगले हफ्ते पाकिस्तान की यात्रा पर आने की संभावना है. अधिकारियों ने आज बताया कि अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सहयोग को लेकर चर्चा के लिए पाकिस्तान नौ दिसंबर को एक मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रहा है. इस बैठक में लगभग 27 देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने का अनुमान है. विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने इस बैठक में शामिल होने के लिए भारत समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया है.

नाम गुप्त रखने की शर्त पर उन्होंने बताया, ‘हमें अधिकतम सहभागिता की उम्मीद है, लेकिन भारत सहित कुछ देशों ने अभी तक उच्च स्तरीय प्रतिभागिता की पुष्टि नहीं की है.’ विदेश कार्यालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच संक्षिप्त बातचीत होने के बाद इस क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुषमा के पाकिस्तान आने की प्रबल संभावना है.

समाचार पत्र डॉन ने एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से बताया कि सुषमा के इस बैठक में शामिल होने की प्रबल संभावना है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के अधिकारियों और एक भारतीय राजनयिक के हवाले से कहा, ‘पेरिस में पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों के बीच इस हफ्ते अचानक हुई चर्चा के बाद स्वराज के इस बैठक में शामिल होने की बहुत उम्मीद है.’

मोदी और शरीफ ने पेरिस में चर्चा के लिए बैठने से पहले गर्मजोशी से हाथ मिलाया था जिसे भारतीय पक्ष ने सामान्य दुआ सलाम बताया था, वहीं पाकिस्तान ने इसे एक अच्छी बैठक बताया था. सुषमा की संभावित यात्रा से दोनों देशों के बीच रिश्तों में बना गतिरोध टूटने की उम्मीद की जा रही है. गौरतलब है कि अगस्त में दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता स्थगित हो गयी थी जिसके लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था.

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