शैलजा मंदिर विवाद : गोयल ने जताया ”खेद”, फिर भी गतिरोध कायम
नयीदिल्ली : कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से गुजरात में द्वारका के एक मंदिर में जाति पूछने से जुड़े मुद्दे पर राज्यसभा में गतिरोध कायम रहा. हालांकि बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कल की अपनी टिप्पणी के लिये खेद जताया. हंगामे के कारण बैठक चार बार के स्थगन के बाद दोपहर दो […]
नयीदिल्ली : कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से गुजरात में द्वारका के एक मंदिर में जाति पूछने से जुड़े मुद्दे पर राज्यसभा में गतिरोध कायम रहा. हालांकि बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कल की अपनी टिप्पणी के लिये खेद जताया. हंगामे के कारण बैठक चार बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
हंगामे के बीच गोयल ने कहा कि आसन ने आश्वासन दिया है कि वह रिकार्ड की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि वह अपनी सहयोगी कुमारी शैलजा के संदर्भ में अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त करते हैं. हालांकि गोयल की इस टिप्पणी के बाद भी सदन में गतिरोध दूर नहीं हुआ. कांग्रेस के सदस्य हंगामा करते रहे और आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. उधर, सत्ता पक्ष के सदस्यों का कहना था कि जब सभापति के कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर गोयल ने खेद व्यक्त कर दिया है तो यह मुद्दा समाप्त हो जाना चाहिए.
इससे पहले शून्यकाल में कांग्रेस के सदस्यों ने इस मुद्दे पर संबंधित मंत्रियों से माफी मांगे जाने की मांग पर आसन के समक्ष नारेबाजी करते रहे. शून्यकाल में लोक महत्व के कुछ मुद्दे उठाए गये लेकिन बाद में संसदीय कार्य मंत्री एम वेेंकैया नायडू ने सुझाव दिया कि समाधान पर पहुंचने के लिए सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए.
इस पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस मुद्दे का कामचलाउ हल निकाल लिया गया था और इस बात पर सहमति बनी थी कि सदन के नेता कुछ शब्द कहेंगे और उसके बाद खेद जताया जाएगा. इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं के बीच सार्थक बातचीत हुई किंतु एक छोटी सी समस्या है जिसका हल सभापति के कक्ष में निकाला जाएगा. कुरियन ने कांग्रेस के सदस्यों से कहा कि उन्हें आसन के समक्ष नारेबाजी करने के बजाए यह पूछना चाहिए था कि क्या निर्णय हुआ और आसन की ओर से उन्हें जानकारी दी जाती.
कुरियन ने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों से कहा, आप मुझे झुका नहीं सकते. कोई समाधान नहीं निकलने के कारण सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया. दोपहर 12 बजे बैठक शुरु होने पर कांग्रेस सदस्यों ने फिर आसन के समक्ष नारेबाजी शुरु कर दी. हंगामे के बीच नायडू ने कहा कि पिछले दिनों संविधान पर हुई चर्चा के दौरान कुछ टिप्पणियां की गयीं. इनमें से कुछ टिप्पणियां गुजरात माडल पर थीं. उन्होंने कहा कि किसी राज्य या माडल पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. इसके बाद गोयल ने अपनी कल की टिप्पणी के लिए खेद जताया. गोयल की टिप्पणी के बावजूद असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा.
तृणमूल के डेरेक ने कहा कि उपसभापति के कक्ष में बनी सहमति के आधार पर गोयल ने तो खेद जता दिया है. लेकिन उससे पहले जो कुछ हुआ, उसके बारे में खेद जताया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि कल गोयल ने शैलजा से मंदिर में जाति पूछे जाने की टिप्पणी को ‘‘कृत्रिम समस्या” बताया था. इससे पहले सदन के नेता अरुण जेटली ने केंद्रीय मंत्री रहते समय शैलजा द्वारा द्वारका मंदिर की अतिथि पुस्तिका में की गयी टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा था कि यदि इस मंदिर में उनके साथ यह व्यवहार हुआ तो उन्होंने मंदिर के बारे में इतनी अच्छी टिप्पणी क्यों की.
कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे की ओर संकेत करते हुए जदयू प्रमुख शरद यादव ने कहा कि जब मंत्री ने खेद जता दिया है तो इस मामले का हल हो जाना चाहिए. सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि मंत्री ने अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त कर दिया है और अब यह मामला यहीं समाप्त हो जाना चाहिए. सदन में हंगामा को देखते हुए आसन ने दोपहर 12 बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.