एक चुनाव ऐसा जिसमें हारेगा भी ‘जीतू’, जीतेगा भी ‘जीतू’
इंदौर: मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में इंदौर जिले की राउ सीट से ‘जीतू’ ही जीतेगा और ‘जीतू’ ही हारेगा. चौंकिये मत, ऐसा इसलिये होगा क्योंकि इस सीट से लगातार दूसरी बार निर्णायक चुनावी जंग लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के प्रचलित उपनाम ‘जीतू’ ही हैं.वर्ष 2008 के विधानसभा […]
इंदौर: मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में इंदौर जिले की राउ सीट से ‘जीतू’ ही जीतेगा और ‘जीतू’ ही हारेगा. चौंकिये मत, ऐसा इसलिये होगा क्योंकि इस सीट से लगातार दूसरी बार निर्णायक चुनावी जंग लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के प्रचलित उपनाम ‘जीतू’ ही हैं.वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों के दौरान हुए परिसीमन से वजूद में आयी इस सीट से भाजपा की ओर से निवर्तमान विधायक जितेन्द्र जिराती उर्फ ‘जीतू’ (38) मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने अपने क्षेत्रीय नेता जितेन्द्र पटवारी उर्फ ‘जीतू(39)पर लगातार दूसरी बार उम्मीदवारी का दांव लगाया है.
पटवारी, निवर्तमान भाजपा विधायक के खिलाफ घोर निष्क्रियता और क्षेत्र के विकास के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए अपने चुनावी प्रचार अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं.
दूसरी ओर, जीराती खासकर प्रदेश की भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाकर मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे उन्हें दोबारा विधायक के रुप में चुनें.बहरहाल, जिराती और पटवारी में अहम समानता यह भी है कि दोनों के पिता का पहला नाम ‘रमेशचंद्र’ है. यही नहीं, दोनों ही उस खाती समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जिसका कुल 2,31,834 मतदाताओं वाले राउ विधानसभा क्षेत्र में दबदबा है.