बद्रीनाथ के कपाट हुए बंद,चारधाम यात्रा का भी समापन

देहरादून : विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिये आज बंद कर दिये गये और इसी के साथ उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की इस साल की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया. कड़ाके की सर्दी के बीच मुख्य पुजारी रावल केशव नंबूरी ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद भगवान विष्णु को समर्पित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2013 9:16 PM

देहरादून : विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिये आज बंद कर दिये गये और इसी के साथ उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की इस साल की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया. कड़ाके की सर्दी के बीच मुख्य पुजारी रावल केशव नंबूरी ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज शाम सात बजकर 38 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये.

भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति वाली उत्सव डोली कल सुबह यहां से जोशीमठ के लिये रवाना होगी जहां शीतकाल के दौरान उसकी पूजा अर्चना की जायेगी. चमोली जिले की उंची पहाड़ियों में स्थित मंदिर के कपाट बंद होने के दौरान पूरे मंदिर को पीले रंग के गेंदे के फूलों से सजाया गया था तथा फूलों से ही भगवान बद्रीविशाल का श्रृंगार किया गया था. भीषण ठंड के बावजूद कपाट बंद होने की प्रक्रिया को देखने और भगवान के दर्शन के लिये दो हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद थे.

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही आज इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया. गढ़वाल हिमालय के चारधामों के रुप में मशहूर तीन अन्य धाम केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही बंद किये जा चुके हैं. रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर और उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के कपाट दीवाली के दो दिन बाद भैया दूज के पावन पर्व पर बंद किये गये थे. वहीं उत्तरकाशी में ही स्थित गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिये दीवाली के एक दिन बाद अन्नकूट पर्व पर बंद हुए थे.शीतकाल के दौरान चारों धामों के भीषण ठंड और भारी बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण उनके कपाट श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोले दिये जाते हैं. छह माह के यात्रा सीजन के दौरान चारों धामों के दर्शन के लिये लाखों की संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं.

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