नयी दिल्ली : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज मांग की कि हिंदुत्व के नाम पर सक्रिय ‘अतिवादी तत्वों’ पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. महबूबा ने इनकी तुलना इस्लाम का दुरुपयोग करने वाले आईएसआईएस तत्वों से की. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव ने ‘अतिवादी तत्वों’ को ‘अच्छा सबक’ सिखाया है जिन्होंने हिंदुत्व के नाम का दुरुपयोग करते हुए उसकी तुलना ‘‘राष्ट्रवाद’ से की.
महबूबा ने एक सम्मेलन में कहा, ‘हमारे देश में सहिष्णुता देश की ताकत है और यदि हमने तथाकथित अतिवादी तत्वों को नहीं रोका…सीरिया, अफगानिस्तान, इराक में क्या हो रहा है…क्योंकि वे भी अतिवादी तत्व हैं जो इस्लाम के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारे देश में अतिवादी तत्व हैं जो हिंदुत्व के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं और वे इसकी तुलना राष्ट्रवाद से करते हैं जो और भी खराब बात है..’ महबूबा की पार्टी पीडीपी जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा से सवाल किया गया था कि उनकी पार्टी कैसे उचित ठहराती है जब ‘पाकिस्तान जाने की’ आवाज उठती है और इन आवाजों में कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल होते हैं. महबूबा ने कहा कि ‘मानसिकता वही है…वह सोचने की प्रक्रिया है जो मायने रखती है.’
उन्होंने पाकिस्तान के दिवंगत प्रधानमंत्री जेड ए भुट्टो को उद्धृत किया जिन्होंने कहा था कि भारत लोकतंत्र के उथल..पुथल और हंगामे से सम्पन्न है. महबूबा ने कहा, ‘…जब लोग बढती महंगाई से संघर्ष करने का प्रयास कर रहे हों, उन्हें प्याज नहीं मिलती हो और अचानक कुछ लोग यह कहना शुरु कर दें कि एक व्यक्ति को कौन सा मांस खाना चाहिए. यह नहीं होना चाहिए. यह स्वीकार्य नहीं.’
इस सवाल पर कि राज्य में क्या पीडीपी…भाजपा गठबंधन पर असर हो रहा है जहां एक युवा ट्रक कर्मी की ऐसे अतिवादी तत्वों ने हत्या कर दी, उन्होंने कहा, ‘हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है. यही मायने रखता है. बयान हो सकते हैं लेकिन अंत में कार्रवाई मायने रखती है.’ महबूबा से सवाल किया गया कि उनके मुफ्ती मोहम्मद सईद के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने की क्या संभावना है, उन्होंने कहा? ‘मैं इस सवाल से सहज नहीं हूं. मैं इस बारे में नहीं सोचना चाहती. मैं जनता के लिए काम कर रही हूं और आगे भी करती रहूंगी.