भारत में अति धनाढ्यों की औसत आयु 63 साल, चीन के अरबपति सबसे युवा
नयी दिल्ली : भारत भले ही युवा आबादी के मामले में दुनिया में आगे हो लेकिन युवा अरबपतियों के मामले में चीन पहले पायदान पर है. चीन में अरबपतियों की औसत आयु 53 साल है वहीं भारत में अति धनाढ्य व्यक्तियों की औसत आयु 63 है जबकि वैश्विक औसत 62 साल है. विश्व के अरबपतियों […]
नयी दिल्ली : भारत भले ही युवा आबादी के मामले में दुनिया में आगे हो लेकिन युवा अरबपतियों के मामले में चीन पहले पायदान पर है. चीन में अरबपतियों की औसत आयु 53 साल है वहीं भारत में अति धनाढ्य व्यक्तियों की औसत आयु 63 है जबकि वैश्विक औसत 62 साल है.
विश्व के अरबपतियों की जनगणना पर एक ताजा रपट ‘वेल्थ-एक्स तथा यूबीएस बिलियनायर सेन्सस’ 2013 के अनुसार चीन के 157 अरबपतियों की औसत आयु वैश्विक औसत से 9 साल कम है. उम्र के मामले में अमेरिका के अति धनाढ्यों की औसत आयु सबसे अधिक 67 साल है. उसके बाद कनाडा तथा जर्मनी (66 साल)का स्थान है. अन्य देशों में हांगकांग, सउदी अरब तथा ब्राजील में अरबपतियों की औसत आयु 64 साल है जबकि भारत स्वीट्जरलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका के मामले में यह 63 साल है.
चीन के बाद संयुक्त अरब अमीरात के अरबपति सबसे युवा हैं जहां उनकी औसत आयु 57 साल है. अति धनाढ्य व्यक्तियों पर किये गये वैश्विक अध्ययन के अनुसार करीब 90 प्रतिशत चीनी अरबपतियों ने अपना भाग्य खुद बनाया है. खुद से बने अरबपतियों का यह सर्वाधिक प्रतिशत है. केवल 5 प्रतिशत को संपत्ति विरासत में मिली जबकि छह प्रति ऐसे लोग हैं जिन्हें विरासत में तो संपत्ति मिली और उन्होंने अपने धन में इजाफा भी किया.
भारत के मामले में 47 प्रतिशत अरबपतियों ने अपना भाग्य खुद से बनाया है जबकि 19 प्रतिशत को संपत्ति विरासत में मिली और शेष 34 प्रतिशत लोगों को संपत्ति विरासत में मिली और जिसमें उन्होंने इजाफा किया. 157 अरबपतियों के साथ चीन अति धनाढ्यों की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. अमेरिका में 515 अरबपति हैं जिनकी संयुक्त संपत्ति 2,000 अरब डालर से अधिक है. चीन के अरबपतियों में सर्वाधिक संख्या पुरुषों की है और उनकी औसत उनकी शुद्ध परिसंपत्ति 2.4 अरब डालर है इसमें नकदी 10 प्रतिशत है.
लिंग के मामले में भारत में 97 प्रतिशत अरबपति पुरुष हैं और औसत भारतीयों की शुद्ध परिसंपत्ति 1.7 अरब डालर हैं. इसमें नकदी 11 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में अरबपतियों की संख्या फ्रांस, सउदी अरब, स्वीट्जरलैंड तथा हांगकांग से अधिक है और यहां अति धनाढ़्यों का दुनिया का छठा सबसे बड़ा समूह रहता है. इस बीच, जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच भारत में अरबपतियों की संख्या 5.5 प्रतिशत घटी है और कुल अरबपतियों की संपत्ति 10 अरब डालर कम हुई है.