असहिष्णुता पर बहस के मायने अलग, लोगों को डरने की जरूरत नहीं : सीजेआई टीएस ठाकुर

नयी दिल्ली : असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि असहिष्णुता पर बहस राजनीतिक गलियारों का विषय हो सकता है, लेकिन लोगों को तब तक परेशान होने की जरूरत नहीं है जब तक सुप्रीम कोर्ट कानून को बरकरार रखने के लिए मौजूद है. गौरतलब है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 12:51 PM

नयी दिल्ली : असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि असहिष्णुता पर बहस राजनीतिक गलियारों का विषय हो सकता है, लेकिन लोगों को तब तक परेशान होने की जरूरत नहीं है जब तक सुप्रीम कोर्ट कानून को बरकरार रखने के लिए मौजूद है.

गौरतलब है टीएस ठाकुर मुख्य न्यायधीश एच एल दतु के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बने हैं. पिछले कई महीनों से असहिष्णुता को लेकर देश भर में बहस छिड़ चुकी थी. कई साहित्यकारों ने पुरस्कार लौटा दिये.कई फिल्मकारों ने भी नेशनल अवार्ड लौटा दिया था.
साहित्यकारों और लेखकों का आरोप है कि केन्द्र सरकार जानबूझकर कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दे रही है. वहीं केन्द्र सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा कि सरकार पर लग रहे आरोप मनगढंत है और सोची समझी साजिश के तहत आरोप लगा रही है. उधर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर किसी को लगता है कि देश का माहौल खराब है तो वो आएं , सुझाव दें. हम उनसे बात करने के लिए तैयार है.

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