मोदी को इतिहास एवं संस्कृति का ज्ञान नहीं : दिग्विजय
गुना (मप्र) : प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक नंबर का झूठा करार देते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जिसे पार्टी का, देश के इतिहास व संस्कृति का ठीक से ज्ञान नहीं है, भाजपा उसे देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहती […]
गुना (मप्र) : प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक नंबर का झूठा करार देते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जिसे पार्टी का, देश के इतिहास व संस्कृति का ठीक से ज्ञान नहीं है, भाजपा उसे देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहती है.
सिंह ने चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी शिवनारायण मीना के समर्थन में चुनावी सभा में कहा कि मोदी को 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के स्तर का ज्ञान भी नहीं है. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी को एक माह की ट्यूशन देकर मोदी को देश का इतिहास पढ़ाना चाहिए.
सिंह ने कहा कि जिस जिसने मोदी को आगे बढ़ाया है, मोदी ने उसे ही आघात दिया है. उन्होंने इसके लिये केशुभाई पटेल, शंकर सिंह बघेला और लालकृष्ण आडवाणी का नाम लिया. उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को सचेत करते हुए कहा कि वे मोदी से सावधान रहें.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह झूठ बोलने में मोदी के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में सट्टा खाने और खिलाने वाले, कंट्रोल के सेल्समैन व दलाल सुखी हैं, बाकी जनता दुखी है.
सिंह ने आरोप लगाया कि म.प्र में सरकारी नौकरियों के रेट बंधे हुए हैं और चपरासी से लेकर सिपाही, डॉक्टर जैसे पद लाखों रुपये में तय होते हैं. उन्होंने पीएमटी परीक्षा घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में करीब एक हजार मुन्नाभाई पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में पैसों के दम पर लोग डाक्टर बन रहे हैं जबकि गरीब लेकिन योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डरने, घबराने की जरुरत नहीं है. वे अपने दम खम से भाजपा उम्मीदवार का मुकाबला करें और कांग्रेस के स्वच्छ छवि के प्रत्याशी को अपना समर्थन दें.
सिंह ने राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के जामनेर में चुनावी सभा को संबोधित कर कांग्रेस प्रत्याशी जयवर्धन के लिए भी समर्थन मांगा. उन्होंने कहा , 1977 की कांग्रेस विरोधी लहर में आप सबने मेरा साथ न (न) दिया होता तो आज मैं यहां न (न) पहुंचा होता.उन्होंने कहा , अपनी व्यस्तता के चलते मैंने अपने पुत्र जयवर्धन को आपकी सेवा के लिए सौंपा है. यदि ये आपकी बात की अनसुनी करता है तो आप सीधे मुङो फोन लगाएं, मैं इसके कान खींचूंगा और इसके बावजूद भी इसने आपकी बात नहीं सुनी तो मैं अगले चुनाव में इसका प्रचार करने नहीं आउंगा. अगली बार भले ही आप जयवर्धन को न (न) जिताएं पर इस बार ऐसी जीत दिलाएं कि परिणाम सामने आने पर जयवर्धन का नाम प्रदेश में पहले नम्बर पर चमके.