आप का घोषणापत्र, 15 दिन में जनलोकपाल का दावा

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने चार दिसंबर को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते हुए वादा किया कि अगर वह सत्ता में आई तो 15 दिन में जनलोकपाल विधेयक लागू किया जाएगा. आप के घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ में राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए ‘स्वराज’ लाने का वादा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2013 2:44 PM

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने चार दिसंबर को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी करते हुए वादा किया कि अगर वह सत्ता में आई तो 15 दिन में जनलोकपाल विधेयक लागू किया जाएगा. आप के घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ में राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए ‘स्वराज’ लाने का वादा किया गया.

सिख समुदाय को लुभाने के लिए पार्टी ने कहा कि वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा. इसके अलावा इस पार्टी ने फर्जी मुठभेड़ और मुस्लिम युवकों के खिलाफ झूठे मामले खत्म करने का आश्वासन दिया.

अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने सत्ता में आने पर 29 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा सत्र का खुला सत्र बुलाकर 15 दिन में जनलोकपाल लाने का वादा किया.

आप की घोषणापत्र समिति के प्रमुख योगेंद्र यादव ने इसे जारी करते हुए कहा कि इस दिल्ली जनलोकपाल विधेयक के दायरे में दिल्ली सरकार के सभी अधिकारी और कर्मचारी, मुख्यमंत्री से लेकर सभी विधायक तक होंगे. इस कानून के तहत, सभी के लिए अपनी संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य होगा. लोकपाल के पास पूर्ण स्वायत्तता होगी. इसके पास प्रशासनिक, वित्तीय और संचालन की स्वतंत्रता और लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्तियां होंगी.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का दोषी पाये जाने पर उन्हें निष्कासित करके जेल भेजा जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त होगी. इन चुनावों में खुद को भाजपा और कांग्रेस का विकल्प बता रही आप ने मोहल्ला सभा गठित करके लोगों को सत्ता सौंपने का वादा किया जिसका काम विकास कार्यों, साफ सफाई, मृत्यु एवं जन्म प्रमाणपत्र जारी करने और स्थानीय सरकारी स्कूल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में फैसले लेना होगा.

बिजली के बिल बढाने को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साध रही केजरीवाल की पार्टी ने बिजली वितरण कंपनियों के खातों की जांच के आदेश देकर बिल 50 प्रतिशत कम करने का वादा किया.

यादव ने कहा कि अगर कोई इससे इंकार करता है तो उनके लाइसेंस रद्द किये जाएंगे, बढे हुए बिल संशोधित किये जाएंगे और बिजली मीटरों को स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा जांचा जाएगा. यादव के साथ इस मौके पर केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, प्रशांत भूषण और कुमार विश्वास मौजूद थे.

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