चेन्नई : उत्तराखंड की आपदा, कश्मीर की बाढ़ और फिर नेपाल में आये भूकंप में हजारों लोगों की जान बचाने वाले विमान सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस ने अब चेन्नई की बाढ़ में भी हजारों लोगों की जान बचाने का महत्वपूर्ण काम किया है.
भारत की रक्षा संपदा का अहम हिस्सा माने जाने वाले इन दो विमानों ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना की टीमों को भारी उपकरणों के साथ देश के विभिन्न हिस्सों से तांबाराम एयरबेस और अराक्कोनम नौसैनिक अड्डे पर पहुंचाने में भी महती भूमिका निभाई. चेन्नई की बाढ़ के दौरान ये दोनों अड्डे बचाव अभियान का केंद्र बिंदू बने हुए हैं.
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘‘ईंधन चालित सी-130जे छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम है, यहां तक कि कच्चे इलाकों में भी इसलिए ऐसे राहत अभियानों के दौरान इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है.” रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘‘लेकिन चेन्नई की बाढ़ से पहले इसने वर्ष 2013 में उत्तराखंड की बाढ़ में भी बचाव कार्यों में अपनी सेवाएं दीं. उस समय इसे धारासू में उतारा गया था. उन्होंने इस बड़े विमान को लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी ‘एडवांस लैंडिंग ग्राउंड’ पर भी उतारा है.” भारत ने छह सी-130जे विमानों को विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से वर्ष 2008 में खरीदा था और इनका अड्डा दिल्ली से बाहर स्थित हिंडन एयरबेस है.
यह विमान चेन्नई की बाढ़ से अब तक लगभग 1500 लोगों को बचाने में कामयाब रहा है. इस विमान से जुडे जूनियर वारंट ऑफीसर चंद्रान मोहनन का कहना है कि वह इस प्रतिष्ठित परिवहन विमान के चालक दल का सदस्य होने में और बचाव अभियानों में भूमिका निभाकर लोगों की जान बचाकर देश सेवा कर पाने में खुद को गौरवांवित महसूस करते हैं.
उन्होंने कहा कि उन्होंने बिहार की बाढ़ को देखा है. उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की बाढ़ के दौरान वह बचाव दल का हिस्सा थे और लोगों को इस तरह से बचाना कई बार उन्हें भावुक कर जाता है.