असम विधानसभा से कांग्रेस के 9 और बीजेपी के 6 विधायक निलंबित

गुवाहाटी : असम कांग्रेस की भीतरी कलह आज राज्य विधानसभा में स्पष्ट दिखाई दी और कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का विरोध करते हुए विपक्षी भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके चलते विधानसभाध्यक्ष ने 15 विधायकों को पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया. कांग्रेस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2015 4:18 PM

गुवाहाटी : असम कांग्रेस की भीतरी कलह आज राज्य विधानसभा में स्पष्ट दिखाई दी और कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का विरोध करते हुए विपक्षी भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके चलते विधानसभाध्यक्ष ने 15 विधायकों को पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया. कांग्रेस के नौ विधायकों के साथ भाजपा के छह विधायकों को अध्यक्ष प्रणब गोगोई ने उनका आदेश नहीं मानने और शोर मचाने को लेकर निलंबित कर दिया. कांग्रेस के इन विधायकों ने हाल ही में विपक्षी पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा का ऐलान किया था.

सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल शुरु होने से ठीक पहले अध्यक्ष गोगोई ने व्यवस्था दी कि भाजपा के सभी विधायक और कांग्रेस के जो विधायक इन्हें समर्थन कर रहे हैं, उन्हें पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया जाता है. जब सदन की बैठक शुरु हुई तो भाजपा विधायक जादव चंद्र डेका ने प्रश्नकाल को खत्मकर राज्य में ‘‘बिगडती कानून व्यवस्था’ पर चर्चा कराने की मांग की. जादव डेका ने कहा कि कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. हिन्दी बोलने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और जिहादी गतिविधियां चरम पर है. आज हमें इस मुद्दे पर चर्चा करने की इजाजत दी जाए. अध्यक्ष ने जब उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया तो सभी भाजपा विधायक खड़े हो गए और तेज आवाज में अपनी मांग का समर्थन करने लगे.

तुरंत ही मंत्रियों सहित कांग्रेस विधायको ने भी चिल्लाते हुए विपक्ष की मांग का विरोध किया. इसके बाद भाजपा विधायक सदन के बीचों बीच आ गए और अपनी मांग को लेकर अध्यक्ष पर दबाव बनाने लगे. कांग्रेस के वे विधायक भी उनके साथ आ गए जिन्होंने हाल में विपक्षी पार्टी के साथ अपनी निष्ठा का ऐलान किया था, लेकिन सत्ताधारी पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है. असम विधानसभा में 126 सदस्य हैं.

इसके बाद कांग्रेस के विधायक भी सदन के बीचों बीच आ गए और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और दोनों दलों के बीच लगभग टकराव की स्थिति बन गई. शोर-शराबा थमने के जब कोई आसार नजर नहीं आए तो अध्यक्ष ने मार्शलों को बुलाया और उनके जरिए भाजपा विधायकों को सदन से बाहर कर दिया। इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें शीतकालीन सत्र से निलंबित करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद बाकी कांग्रेसी विधायक अपनी सीटों पर वापस आ गए और सामान्य कामकाज शुरु हुआ. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद, संसदीय कार्य मंत्री रकीबुल हुसैन ने फिर से कांग्रेस के नौ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.कांग्रेस ने उसके नौ विद्रोही विधायकों की सदस्यता को खत्म करने की मांग की जिस पर अध्यक्ष ने नियमों के हिसाब से कार्यवाही करने की बात कही.

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