अफ्रीका के साथ साझेदारी का भारतीय मॉडल चीन से ज्यादा आशाजनक :खुर्शीद
नयी दिल्ली: अफ्रीका में चीन की बढ़ती पैठ की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उस महाद्वीप में चीन के ‘व्यावसायिक मॉडल’ को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा कि भारत का साङोदारी का मॉडल ज्यादा बेहतर और अधिक आशाजनक है. खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमारे दो अलग मॉडल हैं. चीन का व्यापक तौर पर […]
नयी दिल्ली: अफ्रीका में चीन की बढ़ती पैठ की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उस महाद्वीप में चीन के ‘व्यावसायिक मॉडल’ को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा कि भारत का साङोदारी का मॉडल ज्यादा बेहतर और अधिक आशाजनक है.
खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमारे दो अलग मॉडल हैं. चीन का व्यापक तौर पर एक व्यावसायिक मॉडल है. जो अफ्रीका के लिए अच्छा है. मुङो नहीं लगता कि हम इस बारे में शिकवा कर सकते हैं क्योंकि हम वैसी किसी चीज की पेशकश नहीं करते. लेकिन हम जो पेश कर रहे हैं वह भी आकर्षक मॉडल है.’’ विदेश मंत्री ने पीबीडी चैंबर और विदेश मंत्रलय द्वारा आयोजित ‘अफ्रीका – अवसरों की भूमि’ विषयक अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत आशाजनक है और यह साङोदारी का मॉडल है. यह साङोदारी का ऐसा मॉडल है जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं.’’सम्मेलन में अफ्रीका महाद्वीप के 30 से ज्यादा देशों के राजनयिकों ने शिरकत की.
खुर्शीद ने कहा कि भारत की नीति दोस्ताना दुकान वाली है जिसमें ‘मुस्कराहट के साथ अभिवादन’ होता है, वहीं चीन की नीति ‘एटीएम’ की तरह है जो बहुत ठंडा होता है लेकिन ‘मुस्कराता नहीं’ है. उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोस की दोस्ताना व्यवहार वाली दुकान में आप जो चाहते हैं, पाते हैं और जब भी आपको कुछ चाहिए होता है तो मुस्कराहट के साथ अभिवादन किया जाता है और परिवार के सदस्य की तरह बर्ताव किया जाता है. एक एटीएम बहुत ठंडा होता है, सुंदर दिखाई देता है लेकिन यह आपसे संवाद नहीं करता, आपकी बातों का जवाब नहीं देता. आपसे मुस्कराकर बात नहीं करता.’’व्यापार के लिए चीन के मॉडल का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘दूसरा मॉडल कारोबार का है लेकिन उसमें साङोदारी नहीं है. साङोदारी का मतलब सौदा करना नहीं है. साङोदारी जाहिर तौर पर सौदा करते समय दोनों पक्षों को मदद देती है.’’ उन्होंने एक ऐसे रिश्ते पर जोर दिया जो भारत और अफ्रीका दोनों के लिए परस्पर लाभकारी हों.