पाकिस्तान में ‘हार्ट ऑफ एशिया” सम्मेलन शुरू, सुषमा कल करेंगी शिरकत, नवाज से होगी मुलाकाल
नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान की तरफ से आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलनसोमवार को यहां शुरु हुआ जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंत्री स्तरीय बैठक में कल शिरकत करेंगी. सुषमा स्वराजवहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज […]
नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान की तरफ से आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलनसोमवार को यहां शुरु हुआ जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंत्री स्तरीय बैठक में कल शिरकत करेंगी. सुषमा स्वराजवहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में नौ दिसंबर को अफगानिस्तान पर होने वाली ‘हार्ट ऑफ एशिया’ की पांचवीं मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए भारतीय दल की अगुवाई करेंगी.
पांचवें ‘हर्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन का उद्देश्य सुरक्षा चुनौतियों में सहयोग को बढ़ाना और क्षेत्र में संपर्क को बढ़ावा देना है. हर वर्ष होने वाले इस सम्मेलन में एशिया और अन्य देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दो दिवसीय इस सम्मेलन में 14 देश, 17 सहायक देश और 12 अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं. विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज और अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री हिकमत खलील करजई ने बैठक का उद्घाटन किया.
विदेश विभाग ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तरफ से संयुक्त रुप से आयोजित बैठक का विषय है ‘हार्ट ऑफ एशिया – इंस्तांबुल प्रोसेस : सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने और हर्ट ऑफ एशिया क्षेत्र में संपर्क को बढ़ावा देने के लिए सहयोग बढ़ाना’ है.
बड़े कार्यक्रम का कल आयोजन होना है जब प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त रुप से विदेश मंत्रियों की बैठक का उद्घाटन करेंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित दस देशों के विदेश मंत्री सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पडोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढाने के लिए 2011 में शुरु की गई पहल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रुस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूएई शामिल हैं.
वर्ष 2013 में अलमाटी सम्मेलन के बाद 14 देश जिन छह क्षेत्रों में विश्वास बहाली के उपाय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं उनमें आपदा प्रबंधन, आतंकवाद से मुकाबला, मादक पदार्थों की तस्करी से मुकाबला, वाणिज्य एवं निवेश को बढाना, क्षेत्रीय ढांचे को बढ़ाना और शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है.
इससे पहले बैंकॉक में भारत-पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की गुपचुप मुलाकात के बाद आज विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के इस्लामाबादकीयात्राको अहम मानाजारहाहै. सुषमा स्वाराज पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और उनके विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात करेंगी. इस दौरान बैठक में आतंकवाद और भारतव पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने पर चर्चा होगी. सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी होंगे, जो दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात के वक्त भी मौजूद थे.
सुषमा स्वराज के दौरे से पहले सरताज अजीज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के संबंधों में गतिरोध कुछ हद तक कम हुआ है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पेरिस में भारत व पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाकात की और इस दौरान रिश्ते को बेहतर करनेको लेकर बात हुईतो नवाज शरीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया. उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2012 में पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इस्लामाबाद की यात्रा की थी जब दोनों देशों ने एक वीजा उदारीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.