कोयला घोटाला : मनमोहन सिंह की गवाही के सम्मन वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित
नयी दिल्ली : विशेष अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. जेआईपीएल के निदेशक आर. एस. रुंगटा के आवेदन पर अपना आदेश 19 दिसंबर के लिये सुरक्षित रख लिया. कोयला ब्लॉक आबंटन घोटाला मामले में आरोपी रुंगटा ने अपने बचाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गवाह के रुप में तलब किये जाने का अनुरोध किया […]
नयी दिल्ली : विशेष अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. जेआईपीएल के निदेशक आर. एस. रुंगटा के आवेदन पर अपना आदेश 19 दिसंबर के लिये सुरक्षित रख लिया. कोयला ब्लॉक आबंटन घोटाला मामले में आरोपी रुंगटा ने अपने बचाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गवाह के रुप में तलब किये जाने का अनुरोध किया है. मामला झारखंड में उत्तरी धादू कोयला ब्लॉक झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. को गलत और फर्जी दस्तावेज पर आबंटित किये जाने से जुडा है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव को भी बचाव पक्ष के गवाह के रुप में बुलाये जाने के अनुरोध वाले आवेदन पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
रुंगटा के वकील ने दलील दी कि ये दोनों गवाह अपने कार्यालयों जो प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ तथा कोयला मंत्रालय है, से लाये गये दस्तावेज की वास्तविकता के बारे में गवाही देंगे. वकील ने विभिन्न दस्तावेज भी उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया है. जिरह के दौरान अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से यह बताने को कहा कि सिंह और राव को मामले में बचाव पक्ष के गवाह के रुप में सम्मन करने की क्या प्रासंगिकता है.
वकील ने दलील दी कि दोनों गवाह जांच समिति के गठन के बारे में भी अपनी बात रखेंगे. समिति ने जेआईपीएल के कोेयला ब्लाक आबंटित के आवेदन पर विचार किया था. आर. एस. रुंगटा के अलावा मामले में दो अन्य आरोपी जेआईपीएल तथा उसके निदेशक आर सी रुंगटा हैं. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 19 दिसंबर की तारीख तय की.