भारत में 20,000 किलोमीटर हरित सड़क बनाने की योजना
नई दिल्ली :जाइडेक्स टेक्नोलाजीज की भारत में 2016 तक 20,000 किलोमीटर तक नमी प्रतिरोधक हरित सड़क बनाने की योजना है. कंपनी इसमें नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी. इस प्रकार की सड़कें वह अमेरिका, यूरोप तथा अफ्रीका में बना चुकी है. जाइडेक्स इंडस्टरीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी(सीईओ )अजय रंका ने प्रेट्र से कहा, ‘‘हम भारत में […]
नई दिल्ली :जाइडेक्स टेक्नोलाजीज की भारत में 2016 तक 20,000 किलोमीटर तक नमी प्रतिरोधक हरित सड़क बनाने की योजना है. कंपनी इसमें नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी. इस प्रकार की सड़कें वह अमेरिका, यूरोप तथा अफ्रीका में बना चुकी है.
जाइडेक्स इंडस्टरीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी(सीईओ )अजय रंका ने प्रेट्र से कहा, ‘‘हम भारत में अगले तीन साल में नमी प्रतिरोधक तथा टूट–फूट मुक्त सड़क बनाने पर विचार कर रहे हैं. ऐसी सड़कों के 15 साल तक रखरखाव की जरुरत नहीं है. हम पहले ही सीमा सड़क संगठन तथा अन्य एजेंसियों के साथ 500 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर चुके हैं.’’गुजरात की कंपनी ने अपनी इस नैनो प्रौद्योगिकी का पेटेंट कराया हुआ है जिससे सड़कों के अंदर पानी का रिसाव नहीं हो पाता.
इससे पहले, रंका ने संवाददाताओं से कहा था कि इस प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकार केवल कोलतार पर 7,200 करोड़ रपये सालाना की बचत कर सकती है.उन्होंने यह भी दावा किया कि इस प्रौद्योगिकी के उपायोग से सरकार ग्रामीण सड़कों के रखरखाव पर सालाना 21,000 करोड़ रपये की बचत कर सकती है.रंका ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को विश्व में पहचान मिल रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, स्वीडन, नाइजीरिया, मेक्सिको, रुस, तुर्की, इंडानेशिया, जापान तथा अन्य देशों से आर्डर मिले हैं. इन देशों में तेजी से इस प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है...’’कंपनी ने लेह लद्दाख क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन के साथ मिलकर ऐसी सड़कें बनायी हैं. इसके अलावा कुछ राज्यों में वह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत काम कर रही है.