नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज कथित धोखाधडी के एक मामले में आरोप तय करने के बाद कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और हथियारों के सौदागर अभिषेक वर्मा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू कर दी. मामला वर्ष 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कथित तौर पर फर्जी पत्र लिखने से संबंधित है.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने टाइटलर और वर्मा के खिलाफ 420 (धोखाधडी), 471 (फर्जीवाडे से या बेईमानी से) किसी फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक रिकार्ड को असली के रुप में इस्तेमाल करने: और 120 बी (आपराधिक साजिश) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय कथित अपराधों के लिए आरोप तय करने के बाद टाइटलर और वर्मा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू कर दी.
अदालत ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के एक प्रावधान के तहत भी आरोप तय किए. दोनों आरोपियों पर अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद, दोनों ने कहा कि वे दोषी नहीं हैं और मुकदमे का सामना करेंगे, जिसके बाद न्यायाधीश ने मामले में अभियोजन की गवाही दर्ज करने के लिए मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. अदालत ने सितंबर में सीबीआई और आरोपियों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मामले में आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आरोपपत्र में टाइटलर और वर्मा का नाम था. सम्मन के अनुपालन में अदालत के समक्ष पेश होने के बाद टाइटलर को जमानत मिल गई थी. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज विभिन्न ममालों में गिरफ्तारी के बाद वर्मा फिलहाल तिहाड जेल में है. आरोपत्र में सीबीआई ने कहा था कि एक चीनी टेलीकॉम फर्म से धोखाधडी करने के लिए टाइटलर की वर्मा के साथ ‘‘सक्रियता से मिलीभगत” थी और कांग्रेस नेता ने कंपनी के अधिकारियों को पहले ‘‘फर्जी”पत्र दिखाया और दावा किया कि यह माकन ने प्रधानमंत्री को लिखा है.