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लोकसभा में मंदिर, वक्फ बोर्ड की अकूत संपत्ति पर उठा सवाल

नयी दिल्ली: लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने कहा कि मंदिरों, वक्फ बोर्ड और न्यासों के पास उपलब्ध अकूत संपदा को समाज कल्याण योजनाओं में निवेश किया जाए और सरकार न्यासों समेत देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की लगातार निगरानी सुनिश्चित करे. ‘भारतीय न्यास ( संशोधन ) विधेयक 2015′ पर आज सदन में […]

नयी दिल्ली: लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने कहा कि मंदिरों, वक्फ बोर्ड और न्यासों के पास उपलब्ध अकूत संपदा को समाज कल्याण योजनाओं में निवेश किया जाए और सरकार न्यासों समेत देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की लगातार निगरानी सुनिश्चित करे. ‘भारतीय न्यास ( संशोधन ) विधेयक 2015′ पर आज सदन में हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजू जनता दल के भृतुहरि मेहताब ने सभी प्रकार के न्यासों, सोसायटी और वक्फ बोर्डो के लिए एक व्यापक विधेयक लाए जाने की मांग की. भाजपा के हुकुम सिंह ने कहा कि देश में न जाने कितने ट्रस्ट हैं जिनके पास आज अरबों रुपये की संपत्ति है. उन्होंने यह विधेयक लाने के लिए सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इससे यह धन सरकारी खजाने में आएगा और निवेश में मदद मिलेगी.

उन्होंने वक्फ बोर्डो के पास अरबों रुपये की संपत्ति होने का दावा करते हुए सरकार से उस पर भी विचार करने को कहा। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि वक्फ की जो संपत्ति गरीबों , शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होनी चाहिए था आज वह अतिक्रमण की शिकार है. शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि न्यासों की करोडों रुपये की जायदाद का फायदा आम आदमी को मिलना चाहिए. तेलुगू देशम पार्टी के रविन्द्र बाबू ने सरकार से मांग की कि विभिन्न न्यासों को मिलने वाले धन की जांच की जाने चाहिए क्योंकि ये न्यास काले धन को छुपाने की एक शरणस्थली भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यासों की संपदा का इस्तेमाल समाज के कल्याणकारी योजनाओं में हो
राजद से निष्कासित पप्पू यादव ने मंदिरों , मठों और न्यासों के पास सर्वाधिक काला धन होने का दावा करते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को एक मजबूत कानून बनाने की जरुरत है. वाईएसआर कांग्रेस के एम राजामोहन रेड्डी ने ट्रस्टों के धन को निवेश करने के लिए सतत निगरानी की जरुरत है. उन्होंने देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की निगरानी की जरुरत भी बतायी. इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोरपोरेट सेक्टर , सीएसआर : कोरपोरेट सोशल रिस्पोंसेबिलिटी : के धन को अन्यत्र कार्यो में इस्तेमाल कर लेता है जिस पर सरकार द्वारा नजर रखे जाने की जरुरत है. संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया.

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