अहमदाबाद: हर की एक सत्र अदालत ने आज देशद्रोह के एक मामले में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों की जमानत की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली . अदालत अपना फैसला बाद में सुनायेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एनजी दवे ने जमानत याचिकाओं पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं और इस मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाये जाने की संभावना है. फिलहाल जेल में बंद हार्दिक, दिनेश बामभनिया और चिराग पटेल ने पिछले महीने अपनी जमानत याचिकाएं दायर की थीं.
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देशद्रोह मामला: हार्दिक की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी
अहमदाबाद: हर की एक सत्र अदालत ने आज देशद्रोह के एक मामले में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों की जमानत की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली . अदालत अपना फैसला बाद में सुनायेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एनजी दवे ने जमानत याचिकाओं पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें […]
इनके अलावा, एक अन्य नेता केतन पटेल भी इस मामले के संबंध में सलाखों के पीछे हैं.दलीलों के दौरान आज, हार्दिक के वकील बीएम मांगुकिया ने अदालत से कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के हार्दिक एवं अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ‘‘झूठी और राजनीतिक रुप से प्रेरित है.’ उन्होंने दलील दी कि आंदोलन करना देशद्रोह नहीं होता है जबकि अपराध शाखा द्वारा 21 अक्तूबर को समिति के नेताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में ऐसा जिक्र किया गया.
अपराध शाखा ने हार्दिक और उनके पांच साथियों के खिलाफ भादंसं की धाराओं 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेडना), 124 (देशद्रोह), 153 ए (विभिन्न समुदायों में वैमनस्यता फैलाना) और 153 बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाना) के तहत आरोप लगाया था.हालांकि गुजरात उच्च न्यायालय ने इनके खिलाफ लगाये गये आरोपों में से भारतीय दंड संहिता की धाराएं 121, 153 ए और 153 बी हटा दी थीं लेकिन देशद्रोह का आरोप कायम रखा था.
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