अब ”सम विषम” के अनुसार तारीख मांग रहे हैं वकील

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय को आज एक असामान्य स्थिति का सामना करना पडा जब विभिन्न मामलों में पेश अधिवक्ताओं ने दिल्ली सरकार की प्रस्तावित ‘सम विषम’ वाहन संख्या नीति को ध्यान में रखकर विशेष तारीख मांगी. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ उस समय आश्चर्यचकित रह गई जब एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2015 6:53 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय को आज एक असामान्य स्थिति का सामना करना पडा जब विभिन्न मामलों में पेश अधिवक्ताओं ने दिल्ली सरकार की प्रस्तावित ‘सम विषम’ वाहन संख्या नीति को ध्यान में रखकर विशेष तारीख मांगी.

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ उस समय आश्चर्यचकित रह गई जब एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अदालत से उसे दी गई 19 जनवरी की तारीख के बजाय उसे सम संख्या की तारीख देने का अनुरोध किया.
अधिवक्ता वैशाली मेहरा ने कहा, ‘‘क्यों मैं पीठ से मुझे समय संख्या वाली तारीख देने का अनुरोध कर सकती हूं क्योंकि मुझे 19 जनवरी की तारीख दी जा रही है. मेरे परिवार में एक कार है जिसकी पंजीकरण संख्या सम है.” इस आग्रह पर पीठ को मुस्कुराहट आ गई और उसने वकील का आग्रह स्वीकार किया तथा उनके मामले की सुनवाई की तारीख बदलकर 18 जनवरी कर दी.
इसी पीठ के सामने इस तरह की स्थिति फिर से आई जब एक अन्य वकील ने कहा कि उसे सुनवाई के लिए सम और विषम अलग अलग तारीखों के कारण अपने मामलों में पेशे होने के लिए दो कार खरीदनी पडेगी.

Next Article

Exit mobile version