नयी दिल्ली : दिल्ली में कारों के लिए केजरीवाल की ऑड और ईवन नंबर स्कीम पर फिलहाल कोई अडंगा नहीं है. प्राप्त जानकारी के अनुसार केजरीवाल सरकार इसमें कुछ सुधार करते हुए महिइलाओं को छूट देने की तैयारी कर रही है. सरकार उन महिलाओं को स्कीम में छूट दे सकती है जो अकेली कार ड्राइव करती हैं लेकिन इसपर अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है. ऑड-ईवन के नियम के दायरे में दोपहिया वाहन और दिल्ली के बाहर की गाड़ियों को लाने पर आज फैसला हो सकता है. इस मामले पर अफसरों के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बैठक करके चर्चा करेंगे. जानकारी के मुताबिक ऑड-ईवन स्कीम में सरकारी वाहन भी शामिल किए जायेंगे. इसका मतलब है कि हाई रैंक के अधिकारियों को भी इस फॉर्म्युले के तहत आना होगा.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहली जनवरी से शहर में निजी वाहनों के चलने के संबंध में सम-विषम योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और दिल्ली पुलिस के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया. केजरीवाल ने संकेत दिया कि अकेली गाडी चला रही महिलाओं को इस योजना के दायरे से बाहर रखा जा सकता है. नॉर्थ ब्लॉक में सिंह के साथ करीब 40 मिनट की मुलाकात में केजरीवाल ने प्रस्ताव के ब्योरे से अवगत कराया और मुख्यमंत्री के मुताबिक गृह मंत्री की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक थी.
बहरहाल सिंह ने मरीजों, विकलांग व्यक्तियों अथवा कामकाजी महिलाओं के वाहन में जाने तथा दो पहिया वाहनों जैसे मुद्दों को लेकर को लेकर चिंता व्यक्त की. केजरीवाल ने कल संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने (सिंह) कहा कि केंद्र और दिल्ली पुलिस इस कदम का पूरा सहयोग करेगी. उन्होंने कुछ चिंताएं व्यक्त कीं. उन्होंने मरीज ले जाने वाहनों, महिला द्वारा चलाये जा रहे वाहनों और अन्य आपात स्थितियों को छूट जैसे कुछ बातें रखीं. इस संबंध में कुछ किया जाना है. दो तीन सुझाव थे. हम उन पर विचार करेंगे और छूट दी जा सकती है.’ केंद्रीय गृहमंत्री से भेंट के दौरान केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन भी थे. केजरीवाल ने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का भी मुद्दा भी उठाया जिस पर सिंह ने उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सीसीटीवी कैमरों के सिलसिले में भी पुलिस की मदद की जरुरत होगी क्योंकि अंतत: फीड तो उन्हीं के पास जाएगी। यह मुद्दा अभी दिल्ली उच्च न्यायालय में है और अनावश्यक चर्चा हो रही है. हम इसका भी हल ढूंढ लेंगे।’ दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक बडा कदम उठाते हुए शुक्रवार को घोषणा की थी कि पहली जनवरी से सम और विषम नंबर की गाडियों को एक एक दिन छोडकर सडकों पर चलने की इजाजत होगी.
जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या उनकी सरकार आलोचना के कारण इस योजना को शिथिल बना रही है क्योंकि यह अच्छी तरह तैयार योजना नहीं है, उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास एक विकल्प था कि हम अगले दो सालों तक होमवर्क करते रहते जबकि बच्चे मरते रहते और खांसते रहते. मुझे भी खांसी होती रहेगी.’ उन्होंने कहा कि दूसरा विकल्प ठोस निर्णय लेना और मुद्दे का हल निकालना था.
उन्होंने कहा, ‘‘15 दिनों के लिए प्रयोग कीजिए, उससे सीख लीजिए और फिर उसे कीजिए. यहां मुद्दा ही क्या है?’ केजरीवाल अपने सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, परिवहन, पर्यावरण, लोकनिर्माण और राजस्व विभागों के अधिकारियों के साथ कल समीक्षा बैठक करेंगे. दिल्ली सरकार यह पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के विद्यालयों के प्रमुखों के साथ भी एक बैठक कर सकती है कि क्या स्कूल बसों को भी इस मिशन में साथ लाया जा सकता है. इससे पहले परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि सरकार 25 दिसंबर तक विस्तृत ब्लूप्रिंट के साथ सामने आएगी जो विशेषज्ञों एवं आम लोगों द्वारा इस योजना पर उठाये जा रहे सभी सवालों का जवाब देगा.