सरकारी अस्पताल में परखनली जुड़वां शिशु का जन्म

तिरुवनंतपुरम : तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी अस्पताल में 32 वर्षीय एक महिला ने परखनली जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है और ऐसा बताया जा रहा है कि दक्षिण भारत के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इनविट्रो फर्टिलाइजेशन ( आईवीएफ ) के जरिए जुड़वां शिशु पैदा हुए हैं.अस्पताल सूत्रों ने बताया कि वी एस निखिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2013 1:26 PM

तिरुवनंतपुरम : तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी अस्पताल में 32 वर्षीय एक महिला ने परखनली जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है और ऐसा बताया जा रहा है कि दक्षिण भारत के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इनविट्रो फर्टिलाइजेशन ( आईवीएफ ) के जरिए जुड़वां शिशु पैदा हुए हैं.अस्पताल सूत्रों ने बताया कि वी एस निखिला ने यहां श्री अवित्तम तिरनल :एसएटी: अस्पताल में एक लड़की और लड़के को जन्म दिया.

उन्होंने बताया कि डा. शीला बालाकृष्णन के नेतृत्व में चिकित्सकों के एक दल ने कल सुबह महिला का ऑपरेशन किया. अस्पताल की अधीक्षक के ई एलिजाबेथ ने पीटीआई से कहा कि यह सरकारी अस्पताल के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि आईवीएफ चिकित्सा पद्धति पर निजी अस्पतालों का आधिपत्य रहा है जो बच्चे की चाह रखने वाले दंपतियों से काफी धन लेते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों बच्चों का वजन दो-दो किलोग्राम है और उनकी मां का स्वास्थ्य भी ठीक है.’’ कुछ जटिलताओं के कारण प्रसव के लिए महिला का ऑपरेशन किया गया. एलिजाबेथ ने बताया कि अस्पताल में छह और महिलाएं आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए गर्भवती बनी हैं.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चिकित्सा में सफलता की उम्मीद मात्र 30 प्रतिशत होती है और परिणाम महिला की आयु और उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है.सूत्रों ने बताया कि निजी अस्पताल इस प्रकार की चिकित्सा के लिए भारी धनराशि लेते हैं जबकि एसएटी इसके लिए केवल एक लाख रुपए लेता है.

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