19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रावत ने चाय बागान की भूमि पर स्मार्ट सिटी के निर्णय को सही बताया

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज चाय बागान की भूमि पर स्मार्ट सिटी बनाये जाने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प था और राज्य सरकार ने इस संबंध में व्यक्त की गयी तमाम शंकाओं एवं चिंताओं का समाधान किया है. यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, […]

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज चाय बागान की भूमि पर स्मार्ट सिटी बनाये जाने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प था और राज्य सरकार ने इस संबंध में व्यक्त की गयी तमाम शंकाओं एवं चिंताओं का समाधान किया है.
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, स्मार्ट सिटी पर आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘स्मार्ट सिटी के लिये भूमि की जरुरत को कम करते हुए उसे 350 एकड से नीचे रखा गया है.’ रावत ने कहा कि सरकार के सामने दो विकल्प थे जिनमें पहला, वर्तमान देहरादून में ही रेट्रोफिटिंग कन्सेप्ट के साथ बदलाव लाया जाये और दूसरा एक नये क्षेत्र को स्मार्ट कन्सेप्ट के साथ विकसित किया जाये.
उन्होंने कहा कि देहरादून में ही रेट्रोफिटिंग करने के लिए नगर निगम को आगे आना होता लेकिन वर्तमान में उसकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इसमें कुछ विशेष कर पाता.मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरा विकल्प के तहत मसूरी की तरफ नहीं बढा जा सकता था, रायपुर की तरफ वन क्षेत्र आ जाता है, डोईवाला में कृषि भूमि है जो चीनी मिलों के लिए जरूरीहै और उससे सैंकडों लोगों की आजीविका जुडी है.
उन्होंने कहा, ‘‘सर्वश्रेष्ठ विकल्प चाय बागान की भूमि थी. चाय बागान की भूमि पर अतिक्रमण हो रहे थे और अवैध प्लाटिंग भी देखने को मिल रही थी. हमने लोगों द्वारा व्यक्त की गयी शंकाओं को पूरी गम्भीरता से लिया है और इनका समाधान किया है.’ गौरतलब है कि चाय बागान की भूमि पर स्मार्ट सिटी बनाये जाने के राज्य सरकार के निर्णय का पर्यावरणविद और वहां कार्यरत मजदूर विरोध कर रहे हैं.
इस बाबत, रावत ने कहा, ‘‘चाय बागान में कार्यरत मजदूरों को स्मार्ट सिटी में रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा और उन्हें अच्छा घर भी उपलब्ध करवाया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि जो लोग वहां खेती कर रहे हैं या जिन्होंने प्लाट खरीदे हैं उनके हितों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) से यह बताने को भी कहा गया है कि स्मार्ट सिटी में पर्यावरणीय कारणों से कितना ग्रीन कवर आवश्यक है और उसके लिये उतनी ही भूमि चिह्नत कर दी जाएगी.उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी को उच्च स्तरीय शिक्षा स्वास्थ्य सेवाओं के हब के रूप में विकसित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी पर पारदर्शी तरीके से आगे बढने की बात करते हुए रावत ने कहा कि यहां से होने वाली आय के माध्यम से पुराने देहरादून सहित उत्तराखण्ड के अन्य स्थानों का भी विकास किया जाएगा.
इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच को व्यापक बनाना होगा और लोग अब बेहतर शहर की परिकल्पना में चंडीगढ से भी आगे देखने लगे हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून व उत्तराखण्ड के हित में हमने केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी के कन्सेप्ट को ग्रहण किया है और यदि राज्य सरकार इसे नहीं अपनाती तो कहा जाता कि हमने अवसर गंवा दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें