1984 के बाद से सियाचिन में 869 सैनिक शहीद हुए

नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि 1984 के बाद से जलवायु, पर्यावरण एवं अन्य कारणों से सियाचिन में 869 भारतीय सैनिक शहीद हुए. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उंचाई वाले क्षेत्र में पदस्थापित सैनिकों के लिए विशेष कपडे और पर्वतारोही उपकरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 7:25 PM
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि 1984 के बाद से जलवायु, पर्यावरण एवं अन्य कारणों से सियाचिन में 869 भारतीय सैनिक शहीद हुए. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उंचाई वाले क्षेत्र में पदस्थापित सैनिकों के लिए विशेष कपडे और पर्वतारोही उपकरण खरीदने पर 7500 करोड़ रुपये खर्च किये गए.
उन्होंने कहा कि 1984 के बाद से सियाचिन ग्लेशियर पर आपरेशन मेघदूत के तहत पदस्थापित 33 अधिकारियों की जलवायु, पर्यावरण एवं अन्य कारणों से मौत हुई. उन्होंने कहा कि इस दौरान 54 जेसीओ एवं 782 अन्य स्तर के सैनिक को जान गंवानी पडी.
मंत्री ने कहा कि विशेष पोशाक और पर्वतारोही उपकरण से जुडे 55 सामग्रियों में से 20 सामग्रियों का आयात किया गया. इसके तहत 2012..13 में 2280 करोड़ रुपये खर्च हुए जबकि 2013..14 में 1919 करोड़ रुपये खर्च हुए. 2014..15 में 2366 करोड़ रुपये और इस वर्ष 30 नवंबर तक 938 करोड़ रुपये खर्च हुए.

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