भारत-पाक संबंधों पर सोमवार को संसद में बयान देंगी सुषमा स्वराज

नयी दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत- पाकिस्तान संबंधों में ताजा घटनाक्रम को लेकर संसद में सोमवार को बयान देंगी. इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस के संदर्भ में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पत्र मिला है और वह सोमवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 7:36 PM
नयी दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत- पाकिस्तान संबंधों में ताजा घटनाक्रम को लेकर संसद में सोमवार को बयान देंगी. इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस के संदर्भ में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पत्र मिला है और वह सोमवार को बयान देंगी.संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सुषमाजी से बात हुई है. उन्होंने सोमवार को बयान देने का आग्रह किया है. राज्यसभा में उनका बयान 11 बजे और लोकसभा में दो बजे होगा . इसके बाद चर्चा करना चाहे तो वह भी हो सकती है.
सौगत राय ने कहा कि भारत- पाक मुद्दा गंभीर है और इस बारे में विदेश मंत्री इस्लामाबाद से लौट चुकी हैं और सदन को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए. भारत और पाकिस्तान ने समग्र द्विपक्षीय वार्ता को शुरु करने पर सहमति जतायी है और सुषमा स्वराज ने इस बात की पुष्टि की थी कि प्रधानमंत्री दक्षेस शिखर बैठक में भाग लेने के लिए अगले साल इस्लामाबाद की यात्रा पर जाएंगे.
अजीज ने कहा, ‘‘हमने इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार है. हमने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में हजारों जानें गंवाई हैं. जर्ब..ए..अज्ब अपनी तरह का सबसे बडा आतंकवाद रोधी अभियान है और इसे अन्तरराष्ट्रीय तौर पर स्वीकार किया गया है और इसकी सराहना की गई है.
अजीज ने बातचीत को दोबारा शुरु करने की दिशा में दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। पेरिस में 30 नवंबर को दोनो नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद दोनो देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच 6 दिसंबर को बैंकाक में बातचीत का रास्ता बना.
उन्होंने कहा, ‘‘दोनो देशों के प्रतिनिधिमंडल को दोनो नेताओं का एक शांतिपूर्ण, स्थिर और खुशहाल दक्षिण एशिया का ख्याल रास्ता दिखा रहा था.” अजीज ने कहा कि स्वराज के साथ मुलाकात में यह तय किया गया कि पाकिस्तान और भारत के बीच रचनात्मक बातचीत जारी रहनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि संयुक्त वक्तव्य में किए गए ऐलान के अनुसार दोनो देश समग्र द्विपक्षीय वार्ता के तहत सुरक्षा, विश्वास बहाली उपायों, जम्मू कश्मीर, सिलचर, सर क्रीक, वुलर बैराज:तुलबुल नौवहन परियोजना, आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग, आतंकवाद निरोध, मादक पदार्थ नियंत्रण, मानवीय मुद्दे, लोगों से लोगों का संपर्क और धार्मिक पर्यटन पर बातचीत करेंगे.इससे पूर्व सांसदों ने सरकार की आलोचना करते हुए उसपर एक ऐसे संयुक्त वक्तव्य पर राजी होने का आरोप लगाया था, जो उनके अनुसार भारत के हक में है.

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