कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई के लिए आयकर विभाग को संकेत दे रहे हैं वित्तमंत्री : सिब्बल

नयी दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले में राजनीतिक बदले की भावना का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाया कि वह इस मामले में उनकी पार्टी को नोटिस देने के लिए आयकर विभाग को संकेत दे रहे हैं. सिब्बल ने इस मामले में कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 5:15 PM

नयी दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले में राजनीतिक बदले की भावना का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाया कि वह इस मामले में उनकी पार्टी को नोटिस देने के लिए आयकर विभाग को संकेत दे रहे हैं.

सिब्बल ने इस मामले में कांग्रेस द्वारा कथितरुप से धोखाधड़ी करने और पैसे का गोलमाल करने के सभी आरोपों को भी खारिज किया. सिब्बल ने यहां ‘‘आज तक एजेंडा” कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा, ‘‘आपके वित्त मंत्री अपने ब्लॉग में और फेसबुक पर कहते हैं कि यह आयकर कानून के तहत एक अपराध है. वह देश के वित्त मंत्री हैं. क्या उन्हें इस तरह का बयान देने का अधिकार है. वह एक तरह से आयकर विभाग को संकेत दे रहे हैं कि वह नोटिस भेजे. और नेशनल हेराल्ड मामले से संसद ठप होने का क्या लेना देना है. इसका इससे कोई मतलब नहीं है.” कांग्रेस ‘‘राजनीतिक बदले” की भावना का आरोप लगाते हुए पिछले कुछ दिनों से संसद में की कार्यवाही बाधित कर रही है.
सिब्बल ने महाराष्ट्र और हरियाणा के वित्त मंत्रियों द्वारा की गयी टिप्पणियों का उल्लेख किया, जिसमें नेशनल हेराल्ड या इसके स्वामित्व वाली कंपनियों की संपत्तियों के पट्टे को रद्द करने की वकालत की गयी है. सिब्बल ने सवाल किया, ‘‘क्या यह राजनीतिक बदले की भावना नहीं है.” सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस जवाहरलाल नेहरु द्वारा 1938 में स्थापित किये गये नेशनल हेराल्ड को पुनर्जीवित करने और इसे चलाने के लिए कटिबद्ध है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि जीएसटी विधेयक संसद में पारित हो लेकिन पहले सरकार को प्रस्तावित विधेयक पर उसके तीन सुझावों को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘संसद चलना चाहिए और हम चाहते हैं कि संसद चले. भाजपा के एक बहुत ही वरिष्ठ नेता ने एक लोकतांत्रिक सिद्धांत तय किया था कि संसद में व्यवधान संसदीय रणनीति का हिस्सा है.” सिब्बल ने कहा, ‘‘लोकतंत्र के इतिहास में किसी नेता ने अभी तक ऐसी चीज नहीं कही है.

जीएसटी पर हमने क्या कहा है. कम त्रुटियों वाला जीएसटी नहीं चाहते हैं. हमने जीएसटी पर तीन सुझाव उन्हें दिये हैं.” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी का हवाला दिया कि आम आदमी के मकसद वाले सुधार को संसद में रोका जा रहा है. सिब्बल ने सवाल किया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और छह वर्षों तक उन्होंने जीएसटी का विरोध किया तब क्या उस समय उनकी भावना आम आदमी से नहीं जुड़ी हुई थी.

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