आदर्श सोसाइटी मामले में पाटिल-निलांगेकर को आरोपी बनाने की मांग
मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करके मांग की गई है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल-निलांगेकर को आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाया जाए.यह आवेदन प्रवीण वातेगांवकर ने दायर किया है. उन्होंने आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच पर जनहित याचिका भी दायर की थी. आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया कि […]
मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करके मांग की गई है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल-निलांगेकर को आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाया जाए.यह आवेदन प्रवीण वातेगांवकर ने दायर किया है. उन्होंने आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच पर जनहित याचिका भी दायर की थी.
आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया कि पाटिल ने राजस्व मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अवैध तरीके से आदर्श सोसाइटी को कुछ मंजूरी दी. आवेदन में कहा गया है कि बदले में उनके दामाद अरुण दावले को दक्षिण मुंबई में स्थित आदर्श सोसाइटी में एक फ्लैट आवंटित किया गया.
वातेगांवककर ने निचली अदालत में सीबीआई के एक आवेदन पर भरोसा किया है जिसमें पूर्व विधायक और आदर्श सोसाइटी के प्रमोटर की गिरफ्तारी के बाद हिरासत की मांग की गई थी. आवेदन में कहा गया है, सीबीआई ने अपने रिमांड आवेदन में कहा कि गिडवानी ने छद्म नाम से सांगली में कल्लापन्ना अवाडे इच्लकरांजी जन सहकारी बैंक में खाता खोला था. उसमें उन्होंने समय-समय पर बड़ी राशि जमा की थी. उसमें जमा की गई ज्यादातर रकम बाद में उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधू और मेसर्स जय महाराष्ट्र के खाते में अंतरित कर दी गई. उस कंपनी में उनके बेटे निदेशक हैं.
वातेगांवकर ने आरोप लगाया, उस राशि का इस्तेमाल आदर्श सोसाइटी में बुक किए गए बेनामी फ्लैटों के लिए भुगतान में किया गया. उन्होंने कहा, निलांगेकर-पाटिल के दामाद अरुण दावले को जय महाराष्ट्र के खाते से कम से कम 17.60 लाख रुपये मिले. निलांगेकर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और सोसाइटी को अनुचित फायदा पहुंचाया. बदले में दावले को सोसाइटी में एक फ्लैट आवंटित किया गया.
वातेगांवकर चाहते हैं कि सीबीआई पाटिल-निलांगेककर को मामले में आरोपी बनाए और गिडवानी द्वारा सांगली में बैंक खाते में जमा की गई कुल रकम का भी खुलासा करे. न्यायमूर्ति पी वी हरदास और न्यायमूर्ति पी एन देशमुख की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 दिसंबर निर्धारित करते हुये कहा कि अगर सीबीआई चाहे तो अपना जवाब दायर कर सकती है.