बिहार में खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत अगले वर्ष एक फरवरी से की जाएगी : नीतीश
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार का आठवां रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए आज घोषणा की कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत अगले वर्ष एक फरवरी से की जाएगी.अपनी सरकार का आठवां रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए नीतीश ने घोषणा की कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत […]
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार का आठवां रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए आज घोषणा की कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत अगले वर्ष एक फरवरी से की जाएगी.अपनी सरकार का आठवां रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए नीतीश ने घोषणा की कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत अगले वर्ष एक फरवरी से की जाएगी. उन्होंने कहा कि सामाजिक–आर्थिक और जातीय जनगणना सर्वे से जुडे लोगों को भुगतान नहीं किए जाने से इस योजना के लाभान्वितों की गणना पूरी नहीं हो सकी है.
नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार ने उन लोगों को अपनी ओर से भुगतान किए जाने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि उक्त सर्वेक्षण पूरा और प्रकाशित हो जाए तथा उसको लेकर आपत्तियां मिल जाएं ताकि यह निर्धारित हो सके उसमें लाभान्वितों में से किसे शामिल किया जाए एवं किसे नहीं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टोला सेवकों और तालिमी मरकज के स्वयंसेवियों का मानदेय बढाकर पांच हजार रुपये किए जाने की घोषणा की. अब तक इन लोगों को प्रतिमाह 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा था.
उन्होंने प्रदेश में पहली से दसवीं कक्षा की छात्राओं के लिए इस वर्ष से दी जा रही छात्रवृत्ति, अनुदान प्राप्त मदरसा, संस्कृत विद्यालय, अनुदान प्राप्त वित्त रहित विद्यालयों में पढने वाली छात्राओं को भी दिए जाने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने 1989-90 के भागलपुर के सांप्रदायिक दंगों में मृत और लापता लोगों के आश्रितों को दी जा रही प्रति व्यक्ति 2500 रुपये पेंशन को बढाकर पांच हजार रुपये किए जाने की घोषणा की.
उन्होंने बिहार मूल्य वर्धित कर अधिनियम के अधीन देय कर के भुगतान के लिए राज्य के अंदर मालों के परिवहन की सीमा को पचास हजार रुपये से बढाकर 75 हजार रुपये किए जाने सहित स्वास्थ्य और बिजली को लेकर कई अन्य घोषणाएं भी की.