नयी दिल्ली : आज संसद में विपक्ष ने शकूर बस्ती मामले को लेकर सरकार को घेरा जिसके बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में बस्ती से अवैध कब्जे को हटाने का काम किया गया. यह काम रेलवे के डेवलपमेंट के लिए किया गया है. अवैध कब्जा जमाने वालों को कई बार इस संबंध में नोटिस जारी किया जा चुका था. इसके बाद 10 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने एडवाइस जारी कर सिक्युरिटी देने की बात कही तभी बस्ती को हटाने का कार्य किया गया.
प्रभु ने कहा किअवैध कब्जे से गंदगी हो रही थी, जिसके बाद एनजीटी ने हमें आदेश दिया था कि बस्ती को वहां से हटाया जाए. यदि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगता है कि हमने गलत किया तो वे आकर बहस कर सकते हैं. प्रभु ने कहा, अवैध कब्जा हटाने के दौरान बच्ची की मौत नहीं हुई है.
इधर, मृत बच्ची के पिता ने कहा है कि भगदड़ के कारण हमारी बच्ची की मौत हुई है. झुग्गियां नहीं तोड़ी जाती तो उसकी मौत नहीं होती.
Bhagdad mein humari bachhi ki maut hui,jhuggiyan nhi toot ti to wo nhi marti:#ShakurBasti demolition victim's Father pic.twitter.com/Fa4bl6dlkw
— ANI (@ANI) December 14, 2015
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद आम आदमी पार्टी ने लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भी राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर नोटिस दिया. गौरतलब है कि रेलवे ने शकूर बस्ती से कई झुग्गियों को हटाया गया है. इनमें लगभग पांच सौ झुग्गियां थीं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आज शकूर बस्ती का दौरा किया और पीडित लोगों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. आपको बता दें कि बस्ती को हटाने की कार्रवाई के दौरान छह माह की बच्ची की मौत हुई थी. बच्ची की मौत पर राजनीति शुरू हो गयी है. हालांकि रेलवे ने इसमें उसकी किसी भी तरह की भूमिका होने से इनकार कर दिया है.