त्रिचुर: पदभार संभालने के बाद पहली बार केरल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्य में सत्तारुढ कांग्रेस नीत यूडीएफ और माकपा की अगुवाई वाले गठबंधन एलडीएफ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये दोनों इस राज्य को ‘लूटने’ में लगे हैं.उन्होंने एक सभा में यह भी कहा कि भाजपा केरल में ‘तीसरी ताकत’ बनकर उभरी है तथा वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाले दोनों मोर्चों का स्थान ले लेगी और राज्य की किस्मत बदल देगी.
मोदी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल की राजनीति कुछ इस तरह की है कि दोनों गठबंधन राज्य में शासन कर रहे हैं और यहां की जनता को लूट रहे हैं. एक गठबंधन सत्ता में आता है और लूटता है. लोग हर पांच साल में नाराज होकर एक को सत्ता से बाहर कर देते हैं तथा दूसरा गठबंधन सत्तासीन हो जाता है. यह चक्र अब तक चलता आ रहा है. दोनों गठबंधन एक दूसरे के पापों को छिपाने में व्यस्त हैं और अपनी लूट जारी रखे हुए हैं.”
मोदी ने कहा, ‘‘अब केरल के लोगों को क्रोधित होेने की जरुरत नहीं है. केरल में एक तीसरी ताकत उभर चुकी है. यह भगवान शंकर के तीसरे नेत्र की तरह है जो पापों को खत्म करेगी और राज्य को बुराइयों एवं भ्रष्टाचार से मुक्त करेगी. तीसरी ताकत के उभरने से केरल का भविष्य बदलेगा और राज्य में समृद्धि एवं शांति आएगी.” तीसरी ताकत की तुलना भगवान शंकर के ‘तीसरे नेत्र’ से करते हुए मोदी ने कहा कि वह दोनों मोर्चों की ‘बुराइयों’ का खात्मा करेगी. वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और माकपा नीत एलडीएफ पर निशाना साध रहे थे. प्रधानमंत्री त्रिचुर में अपनी पार्टी की ओर से आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे. यह शहर भगवान शिव के वडाकुंठार मंदिर के लिए विख्यात है.
मोदी ने कहा कि यहां उमडी भीड इस बात का संकेत है कि केरल ने अगले चुनाव में भाजपा को चुनकर बदलाव लाने का फैसला कर लिया है. रल में दोनों मोर्चों के दशकों से चले आ रहे वर्चस्व का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जिस राज्य में श्री नारायण गुरु जैसे समाज सुधारक लडे और सामाजिक छुआछूत को खत्म किया वहां अब तक राजनीतिक छुआछूत बरकरार है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह छुआछूत इस स्तर तक बढी हुई है कि जो उनकी राजनीतिक विचारधारा का विरोध करता है उसे प्रताडित किया जाता है और कभी कभी शारीरिक रुप से मिटा दिया जाता है. उनकी सोच ऐसी है.”
मोदी ने कहा कि राज्य में बीते 50 वर्षों में 200 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या वैचारिक मतभेदों की वजह से कर दी गई. उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप भारत में किसी राज्य का राजनीतिक इतिहास देखेंगे तो केरल शायद एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहां पिछल 50 वर्षों में भाजपा बदले की राजनीति का शिकार हुई और शायद केरल में किसी दूसरी पार्टी को इतनी पीडा नहीं झेलनी पडी है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल में भाजपा कार्यकर्ता डटकर खडे हैं और यह उनकी प्रतिबद्धता और दृढता का जीवंत उदाहरण है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर जगह भाजपा के लोगों से कहता हूं कि केरल के भाजपा कार्यकर्ताओं का समर्पण देखिये. वहां कोई जीत, कोई सत्ता या किसी पद की कोई संभावना नजर नहीं आती लेकिन फिर भी वे राष्ट्रवादी हित में संघर्ष कर रहे हैं. हर चुनाव के बाद वे केवल इस बात की समीक्षा करते हैं कि जमानत बची या नहीं, हार का अंतर पहले के मुकाबले घटा है या बढा.