नयी दिल्ली : भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी करते हुए संसद के शेष सत्र में उपस्थित रहने को कहा है. मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. पार्टी के इस निर्देश को जीएसटी सहित कुछ अहम विधेयक को पारित करवाने की उसकी कोशिश से जोड़ कर देखा जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार शीत सत्र के बचे दिनों में जीएसटी विधेयक को पारित करवाने के लिए दो फार्मूले पर काम कर रही है. एक तो वह कांग्रेस को इस पर राजी करने की कोशिश कर रही है, दूसरा वह दूसरे क्षेत्रीय दलों के समर्थन से इसे राज्यसभा में पारित करवाने की जुगत में है.
इस विधेयक पर जदयू ने समर्थन का संकेत दिया है, वहीं एक अहम क्षेत्रीय दल अन्नाद्रमुक का रुख स्पष्ट नहीं है. कांग्रेस के समर्थन के बिना भी जदयू व अन्नाद्रमुक के समर्थन से यह विधेयक राज्यसभा में पारित करवाया जा सकता है. दूसरे राजनीतिक दल पहले से ही इस विधेयक के समर्थन में हैं.
जयललिता क्या करेंगी?
अन्नाद्रमुक प्रमुख व तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का रुख जीएसटी बिल के लिए काफी अहम है. यह सर्वज्ञात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता के बीच बेहतर रिश्ते रहे हैं. हाल में तमिलनाडु में आयी बाढ़ के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी तत्परता से राज्य को मदद दी. नरेंद्र मोदी ने इस विपदा को लेकर जयललिता की ज्यादातर मांगों को मान लिया.