ड्रोन की ताकत को और विकसित करने की तैयारी में भारत

नयी दिल्ली : भारत जल्द ही दूसरे देशों की सीमाओं से हो रही घुसपैठ पर पैनी नजर रखने और दुश्मनों का खात्मा उनकी ही जमीन पर करने का दम रखने की अपनी ताकत में इजाफा करेगा. भारत अब और अत्याधुनिक ड्रोन के जरिये अपनी सीमा पर कड़ी नजर रखेगा. ड्रोन में कई तरह की सुविधा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2015 4:03 PM

नयी दिल्ली : भारत जल्द ही दूसरे देशों की सीमाओं से हो रही घुसपैठ पर पैनी नजर रखने और दुश्मनों का खात्मा उनकी ही जमीन पर करने का दम रखने की अपनी ताकत में इजाफा करेगा. भारत अब और अत्याधुनिक ड्रोन के जरिये अपनी सीमा पर कड़ी नजर रखेगा. ड्रोन में कई तरह की सुविधा होगी जो दुश्मनों को दूर से ही पहचान लेगी और कंट्रोल रूप से मिले आदेश के अनुसार दुश्मनों का खात्मा भी कर देगा.

सरकार ने ड्रोन की तकनीक को और आधुनिक करने के लिए 2650 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है.इसके अलावा भारत अमेरिका से भी अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रहा है. फिलहाल घातक प्रोजेक्ट के लिए एरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी और डीआरडीओ मिलकर काम कर रहे हैं. पाकिस्तान ने भी चीन से कई अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे हैं. भारत के पास भी अब कई अत्याधुनिक ड्रोन है लेकिन इस पर भारत तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा.
भारत जासूसी ड्रोन को हल्का करने और अत्याधुनिक करने की दिशा में कदम उठा रहा है साथ ही भारत में भी ड्रोन के निर्माण में तेजी लाने की कोशिश जारी है. अभी तक इस प्रोजेक्ट को डिफेंस मिनिस्ट्री से हरी झंडी मिल चुकी है. फिलहाल एक एक्सपर्ट कमेटी फिलहाल प्रोजेक्ट का मूल्यांकन कर रही है. घातक प्रोजेक्ट की अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत को अत्याधुनिक ड्रोन बनाने में काफी वक्त लगेगा. भारतीय सेना के पास अभी 200 ड्रोन है. भारत के पास इजरायल के हेरॉन और सर्चर-2 जैसे लंबी दूरी तक निगरानी करने वाले जासूसी ड्रोन्स भी हैं. किसी कारण से 2013 में इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया था लेकिन एक बार फिर इस शुरू किया जा रहा है और सरकार इसके निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है.

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