केरल : केरल के कोल्लम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पूर्व मुख्यमंत्री आर शंकर की मूर्ति का अनावरण किया. इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सामान्यत: राजनेताओं की मृत्यू के बाद एक या दो साल में उनकी अंतिम मृत्यू हो जाती है, लोग उन्हें भूल जाते हैं. कुछ राजनेता ऐसे भी होते हैं जो लोगों की नजरों में जीते जी मर जाते हैं. लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो मृत्यू के इतने दिनों के बाद भी जिंदा रहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, श्रीमान आर शंकर जी ने ऐसे कैसे महान काम किये होंगे कि आज भी वो केरल के जन-जन के हृदय में जीवित हैं. सदगुरू नारायण गुरू ने जो सपना देखा था, जो रास्ता उन्होंने दिखाया था उस रास्ते पर जीवन भर जीने का जो प्रयास किया उसमहापुरुषका नाम था आर शंकर जी.
राजनीतिक जीवन में बहुत ऐसे पल आते हैं जहां लोग कहते हैं बहुत प्रेक्टिकल पोलिटिशियन और इस नाते ढेर सारे समझौते कर-करके अपने आप को बचाये रखना होता है. लेकिन आर शंकर जी के जीवन को देखें, वो जो नारायाण गुरू जी नो शिक्षा-दिक्षा दी थी उसमें कभी समझौता नहीं किया. राजनीति में संकट झेलने पड़े, लेकिन रास्ता नहीं छोड़ा.मैं ऐसे महापुरूष को प्रणाम करता हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, समाज के दलित पीडित, शोषित, वंचित और पिछडे. इस समाज में शिक्षा कैसे पहुंचे वे शिक्षित कैसे हों. शिक्षा का अलख कैसे जगे. इसके लिए शंकर जी ने अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य माना. गरीबी क्या होती, पिछड़ापन कैसे होता. पिछडेपन का मार कैसे झेलना होता है इसे मुझे समझाने की किसी को जरुरत नहीं है. इसे मैं भलीभांति अनुभव कर चुका हूं. और हम जैसे पिछडे हों, दलित हो, शोषित हों ऐसे लोगों की अंगुली पकड़ कर अगर कोई महापुरुष शिक्षा के द्वार तक ले गया हो, हमारी जिंदगी बदलने का प्रयास किया हो तो वो हमारे लिए सबकुछ होता है, हमारे लिए वंदनीय होता है.
जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो नारायण गुरु के पवित्र स्थल में जाकर आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला था. और उस समय कार्यक्रताओं के मन में समाज के सभी वर्गों के की भलाई करने के लिए शिक्षा को मार्ग बनाने के लिए, उनके मन में जो ललक थी उसे मैं भली भांति अनुभव करता था. मैं आज एसएनडीपी का श्रीमन नतेसन जी का उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि ऐसे महान व्यक्ति के मुर्ति के अनावरण का सौभाग्य प्राप्त हुआ. किसी के जीवन में जो अच्छी घटना याद रहती है, मुझे उन अच्छी घटनाओं में आज का यह अवसर हमेशा याद रहेगा.
आज सार्वजनिक जीवन में कोई एक साल मुख्यमंत्री रहे कोई दस साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन फिर भी लोग उन्हें भूल जाते हैं. आर शंकर जी को मुख्यमंत्री बनने का स्वभाग्य सिर्फ दो साल मिला था. लेकिन उन्होंने एक राजनेता कम एक समाज सुधारक के रूप में अपने जीवन को समर्पित कर दिया था.