एक भी व्यक्ति खुले में रात बिताने को मजबूर नहीं होगा

नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आने वाले जाड़े के मौसम में एक भी व्यक्ति खुले में रात बिताने के लिए मजबूर नहीं होगा.प्रदेश सरकार ने यह बात एक हलफनामे में कही जो मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रामन्ना और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2013 2:09 AM

नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आने वाले जाड़े के मौसम में एक भी व्यक्ति खुले में रात बिताने के लिए मजबूर नहीं होगा.प्रदेश सरकार ने यह बात एक हलफनामे में कही जो मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रामन्ना और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ के समक्ष पेश किया गया.

दिल्ली शहरी आवास सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) द्वारा पेश इस हलफनामे में यह भी कहा गया है कि उसने यह सुनिश्चित किया है कि राजधानी के सभी 174 रात्रिकालीन आश्रय स्थल ठीक से काम करें. डीयूएसआईबी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का यह हलफनामा उच्च न्यायालय द्वारा 30 अक्तूबर 2013 को दिए गए इस आदेश के बाद आया है जिसमें अदालत ने संबद्ध अधिकारयों को सभी रात्रिकालीन आश्रय स्थलों का दौरा कर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ये आश्रय स्थल ठीक से काम कर रहे हैं, शहर में कितने लोग बेघर हैं और कितने आश्रय स्थल बनाने की जरुरत है.

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