रेल घोटाला : प्रमुख आरोपी ने प्राथमिकी को दी चुनौती
नयी दिल्ली: पद के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले के प्रमुख आरोपी एवं रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य महेश कुमार ने सुनवाई अदालत द्वारा सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए दिये गये आदेश को खारिज करवाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली है. इसमें कहा गया है कि उनके […]
नयी दिल्ली: पद के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले के प्रमुख आरोपी एवं रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य महेश कुमार ने सुनवाई अदालत द्वारा सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए दिये गये आदेश को खारिज करवाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली है. इसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ जांच शुरु करने से पहले केंद्र की अनुमति नहीं ली गयी.
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने मंगलवार को उनकी याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. कुमार ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करवाने का अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने मामले में विशेष सीबीआई अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का भी आग्रह किया है. इस मामले में पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भतीजे विजय सिंगला सहित नौ अन्य आरोपी हैं.
कुमार ने 3 मई 2013 को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज करने की मांग की है. साथ ही सुनवाई अदालत के चार जुलाई 2012 के उस आदेश को भी खारिज करने का अनुरोध किया गया है जिसमें उसने मामले के आरोपपत्र का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि वह सचिव स्तर के अधिकारी हैं तथा दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून के तहत सीबीआई के लिए यह अनिवार्य है कि वह उनके खिलाफ कोई भी जांच करने से पहले केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी ले.
सीबीआई ने दो जुलाई को इस मामले में दस आरोपियों के खिलाफ अपना आरोपपत्र दाखिल किया था. इनमें रेलवे बोर्ड के तत्कालीन सदस्य :स्टाफ: महेश कुमार, सिंगला, बेंगलूर की जी जी ट्रोनिक्स इंडिया प्रा.लि. के प्रबंध निदेशक मंजूनाथ नारायण राव, बिचौलिया अजय गर्ग एवं संदीप गोयल, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डांगा, सीवी वेणुगोपाल एवं एम वी मुरली कृष्णन शामिल हैं.