फिर सीबीआइ दफ्तर पहुंचे राजेंद्र कुमार

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के घर और दफ्तर में पडे छापे पर आज भी जुबानी जंग की उम्मीद जतायी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आज फिर राजेंद्र कुमार पूछताछ के लिए सीबीआइ दफ्तर पहुंचे हैं. मंगलवार को उनसे सीबीआइ ने सात घंटे पूछताछ की थी. पूछताछ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 8:30 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के घर और दफ्तर में पडे छापे पर आज भी जुबानी जंग की उम्मीद जतायी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आज फिर राजेंद्र कुमार पूछताछ के लिए सीबीआइ दफ्तर पहुंचे हैं. मंगलवार को उनसे सीबीआइ ने सात घंटे पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद सीबीआइ ने उन्हें छोड़ दिया था. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बीती रात मुलाकात की है.

इससे पहले मंगलवार को सीबीआइ ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के घर और दफ्तर पर छापेमारी की. इसके साथ ही आप सरकार और केंद्र के बीच नया टकराव पैदा हो गया. आरोप-प्रत्यारोप के बीच केजरीवाल ने दावा किया कि उनके कार्यालय पर छापेमारी की गयी, जबकि सीबीआइ ने इससे इनकार किया. इधर, छापेमारी की खबर आने साथ ही संसद के भीतर विपक्ष ने हंगामा किया.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि सदस्यों को गुमराह नहीं करना चाहिए, क्योंकि सीबीआइ के छापे का केजरीवाल या उनके कार्यकाल से कोई लेना-देना नहीं है.मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अपने कार्यालय पर छापेमारी से मैं हैरान हूं. सीबीआइ झूठ बोल रही है. मोदी जी बताएं कौन सी फाइल चाहते हैं? मैं अंतिम सांस तक लडूंगा. जब मोदी राजनीतिक रूप से मुझसे नहीं निपट सके, तो उन्होंने यह किया. मोदी कायर और मनोरोगी हैं. निशाना वह हैं. प्रधान सचिव तो सिर्फ बहाना हैं. जाना चाहा कि यदि सीबीआइ के पास राजेंद्र के खिलाफ कोई सबूत है, तो उन्होंने मेरे साथ साझा क्यों नहीं किया?

इधर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोदी को ‘कायर और मनोरोगी’ बताने के लिए केजरीवाल से माफी मांगने को कहा. इस दावे को खारिज कर दिया कि सीबीआइ ने उनके कार्यालय पर छापेमारी की. उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अधिकारी की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि उन्होंने इसकी जांच -परख क्यों नहीं की?

केंद्र पर वार : छापे की वजह डीडीसीए में धांधलियों की फाइल !

केजरीवाल ने दावा किया कि इस कार्रवाई की असली वजह वह फाइल है, जिसमें डीडीसीए में धांधलियों का कच्चा चिट्ठा है और जिससे वित्त मंत्री अरुण जेटली फंसते हैं. दावा किया सीबीआइ दरअसल मेरे कार्यालय में डीडीसीए की फाइल तलाशने आयी थी. आरोप लगाया कि जेटली कई साल से डीडीसीए के अध्यक्ष थे. मैंने उनके कार्यकाल में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी थी.

एक साथ 14 स्थानों पर छापे

सीबीआइ ने प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय सहित िदल्ली व यूपी में एक साथ करीब 14 स्थानों पर छापे मारे. जांच एजेंसी ने दिनेश गुप्ता, एके दुग्गल, जीके नंदा, आरएस कौशिश और एस कुमार के ठिकानों को मिला कर दिल्ली-यूपी में 14 जगहों पर छापेमारी की.

पलटवार : रेड भ्रष्टाचार को लेकर, आरोप बेकार
आरोपों से इनकार करते हुए जेटली ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे इस बकवास का जवाब देने की जरूरत भी है.


क्या है आरोप :
जांच एजेंसी के अनुसार राजेंद्र कुमार ने दिल्ली सरकार के विभागों में निविदाएं दिलाने के लिए गत वर्षों में एक विशेष फर्म की मदद कर अपने पद का दुरुपयोग किया.

क्या मिला :
सीबीआइ के मुताबिक कुमार के आवास से 2.4 लाख रुपये समेत कुल 16 लाख रुपये बरामद किये गये. कुमार के आवास से तीन लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गयी. वहीं, नंदा के पास से 10.5 लाख रुपये बरामद किये गये.

सीबीआइ : तलाशी केवल प्रधान सचिव के कार्यालय में

सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा कि छापेमारी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के कार्यालय पर की गयी. वारंट लेने के बाद दिल्ली सचिवालय स्थित उनके कार्यालय और आवास सहित दिल्ली व यूपी के 14 स्थानों पर छापे मारे गये. कुमार व अन्य के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है. उनके खिलाफ दिल्ली संवाद आयोेग के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी ने आरोप लगाये थे.

रास में हंगामा
सीबीआइ के कथित छापे के मुद्दों पर मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई.

ये भी हैं आरोपी
प्राथमिकी में कुमार के अलावा इंटेलिजेंट कम्युनिकेशन सिस्टम इंडिया लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशकों एके दुग्गल व जीके नंदा, आइसीएसआइएल के प्रबंध निदेशक आरएस कौशिक, एनडीवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों संदीप कुमार और दिनेश के गुप्ता व फर्म का नाम बतौर आरोपी दर्ज किया गया.

क्या दिल्ली के सीएम भ्रष्ट को बचाना चाहते हैं? भ्रष्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय वह प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय मंत्री


देश में अघोषित आपातकाल का सूचक है यह. इस छापेमारी का लक्ष्य अधिकारियों को यह संदेश देना है कि यदि वे केजरीवाल के साथ ईमानदारी से काम करेंगे, तो उन्हें परेशान किया जायेगा.
मनीष सिसोदिया, उप मुख्यमंत्री, दिल्ली

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