Loading election data...

SC ने दिल्ली-NCR में डीजल इंजन गाड़ियों पर कसी नकेल

नयी दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआरमें 2000 सीसी से अधिक की डीजल एसयूवी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. एनसीआर में दिल्ली के अलावा नोएडा, गुड़गांव व गाजियाबाद जैसे इलाके आते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 10:59 AM


नयी दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआरमें 2000 सीसी से अधिक की डीजल एसयूवी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. एनसीआर में दिल्ली के अलावा नोएडा, गुड़गांव व गाजियाबाद जैसे इलाके आते हैं. साथ ही ग्रीन टैक्स को दोगुणा कर दिया है और दस साल पुरानी डीजल गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगा दी है.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2000 सीसी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन परयह रोकफिलहाल 31 मार्च 2016 तक प्रभावी रहेगी और फिर उसकी समीक्षा की जायेगी और फिर आगे के बारे में विचार किया जायेगा. इसके अलावा राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर लगने वाले ग्रीन टैक्स को दोगुणा कर दिया गया है. पहले यह 700 व 1300 रुपये थे, जिसे अब बढ़ा कर 1400 रुपये व 2600 रुपये कर दिया गया है.

Sc ने दिल्ली-ncr में डीजल इंजन गाड़ियों पर कसी नकेल 2

राजधानी दिल्ली में अब 2005 से पहले की डीजल गाड़ियां न चल सकेंगी और न ही बाहर से प्रवेश कर सकेंगी. कैब कंपनियों के लिए भी अदालत ने निर्देश जारी किया है. अदालत ने कहा है कि कैब सिर्फ और सिर्फ सीएनजी से ही चलेंगी. किसी हाल में पेट्रोल व डीजल से उनका परिचालन नहीं होगा.शीर्ष अदालत ने कैब कंपनियों व टैक्सियों को 31 मार्च 2016 तक अपने वाहन में सीएनजी किट लगवाने का समय दिया है.

ध्यान रहे कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन कार कंपनियों को फटकार लगायी थी, जो 2005 का स्टॉक बेचना चाह रही थीं. सुप्रीम कोर्ट ने अबतक इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कही अहम बातें कहीं. जैसे केंद्र व राज्य सरकार मिल कर काम करे, पेट्रोल डीजल में मिलावट से प्रदूषण बढता है. पेट्रोल पंप के लिए भी पॉलिसी बने. 2000 से 2015 तक गाड़ियों की संख्या 75 प्रतिशत बढ़ी, जबकि डीजल गाड़ियों में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

Next Article

Exit mobile version